07-Jul-2025
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पुरी,(ईएमएस)। भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को आज रथयात्रा के विशेष अवसर पर 208 किलो वजन के स्वर्णाभूषणों से श्रृंगारित किया गया। इस दिव्य आयोजन को ‘सुनाबेश’ कहा जाता है, जो रथयात्रा के दौरान आषाढ़ शुक्ल एकादशी को होता है। श्रद्धालु शाम 6:30 बजे से रात 11 बजे तक इस अलौकिक दर्शन का लाभ उठा सकेंगे। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि भव्यता और सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक भी माना जाता है। जानकारी अनुसार सुनाबेश की परंपरा की शुरुआत सन् 1460 में राजा कपिलेंद्र देव के काल में हुई थी। ऐतिहासिक विवरणों के अनुसार, उन्होंने दक्षिण भारत के युद्धों में विजयी होकर 16 बैलगाड़ियों में सोने के आभूषण लाकर भगवान को अर्पित किए थे। उसी समय से यह भव्य श्रृंगार परंपरा में शामिल हो गया। पुरी का श्री जगन्नाथ मंदिर सिर्फ आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि यहां वैभवशाली संपदा भी है। ओडिशा के 24 जिलों में इसकी 60,426 एकड़ भूमि है, वहीं पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी करीब 395 एकड़ भूमि मौजूद है। हिदायत/ईएमएस 07जुलाई25