सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीजेआई से सरकारी आवास खाली करने को कहा नई दिल्ली (ईएमएस)। पूर्व सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकारी बंगला खाली ना करने के विवाद को लेकर बताया कि उनकी दोनों बेटियों लाइलाज बीमारी से ग्रसित हैं। एम्स और पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी करती हैं। इतना ही नहीं सीजेआई आवास में ही आईसीयू बना है और बेटियों के लिए घर में ही खास इंतजाम हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मां-बाप की दुनिया अपने बच्चों के इर्द-गिर्द घूमती है। पूर्व सीजेआई ने कहा कि प्रियंका और माही को नेमालाइन मायोपैथी नामक एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है, जो शरीर की मांसपेशियों को प्रभावित करता है। इस बीमारी का वर्तमान में दुनिया में कहीं भी कोई उपचार या इलाज नहीं है, हालांकि भारत और विदेशों में इस पर शोध का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि नेमालाइन मायोपैथी मांसपेशियों और मोटर कौशल के क्षरण का कारण बनती है। यह श्वसन प्रणाली को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इसलिए, उन्हें हर दिन श्वसन व्यायाम, डिस्फेगिया के लिए थैरेपी (निगलने में सहायता करने और घुटन को रोकने और अन्नप्रणाली में रुकावटों को रोकने के लिए), न्यूरोलॉजिकल व्यायाम, मांसपेशियों के क्षरण को रोकने वाली व्यावसायिक थैरेपी, स्कोलियोसिस प्रबंधन और दर्द प्रबंधन की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि उनकी स्थिति के अनुसार बाथरूम सहित घर में बदलाव हुआ है। उन्हें एक विशेष आहार की आवश्यकता होती है और यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि वे थकान से पीड़ित न हों क्योंकि यह मांसपेशियों को और खराब कर देता है। उन्होंने बताया कि प्रियंका दिसंबर 2021 से श्वसन सहायता पर है और उसकी एक ट्रेकियोस्टोमी ट्यूब एक बिपैप मशीन से जुड़ी हुई है। प्रियंका को तेरह साल की उम्र में पीजीआई चंडीगढ़ में तीन बार वेंटिलेटर पर रखा गया था। ट्यूब को महीने में कई बार और कभी-कभी सप्ताह में दो बार बदलना होता है। उसकी दैनिक देखभाल करने वाले ट्यूब प्रबंधन के विशेषज्ञ हैं। हमारे घर पर एक आईसीयू सेटिंग है, जिसकी देखरेख एक आईसीयू विशेषज्ञ नर्स करती है। अपनी बेटी के बारे में पूर्व सीजेआई ने कहा कि प्रियंका संक्रमण के प्रति संवेदनशील है और बेटी को धूल, एलर्जी और संक्रमण से बचाना होता है और ट्यूब को हर दिन कई बार साफ करना पड़ता है। प्रियंका और माही पीजीआई चंडीगढ़ और एम्स दिल्ली में समर्पित और विशेषज्ञ डॉक्टरों के प्रबंधन में हैं, जिसमें डॉ गोवर्धन पुरी (वर्तमान में एम्स जोधपुर के निदेशक), डॉ विवेक लाल (पीजीआई चंडीगढ़ के निदेशक), डॉ गौरव मित्तल, पल्मोनोलॉजिस्ट और आईसीसीयू विशेषज्ञ और अन्य डॉक्टर शामिल हैं. एम्स और पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टरों ने बच्चों को उल्लेखनीय देखभाल प्रदान करना जारी रखा है। उन्होंने कहा कि हम माता-पिता के लिए, दुनिया उनके कल्याण के इर्द-गिर्द घूमती है। अपनी पत्नी को लेकर उन्होंने कहा कि कल्पना ने दुनिया भर के विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और देखभाल करने वालों से संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया है। वह इलाज खोजने के प्रयास में वर्तमान शोध का सक्रिय रूप से अनुसरण कर रही है। उन्होंने बताया कि घर में 11 बिल्लियों को पाल रखा हैं। माही का जानवरों और पक्षियों से खास लगाव है। प्रियंका और माही दोनों ही सक्रिय पर्यावरणविद हैं और नैतिक जीवन जीती हैं। वे हमें शाकाहारी जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ से उनका सरकारी आवास खाली करने को कहा है। इस लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक पत्र भी लिखा है। इस पत्र में आग्रह किया गया है कि सरकार पूर्व सीजेआई से उनका पुराना आवास खाली करने का आग्रह करे। आशीष दुबे / 07 जुलाई 2025