राष्ट्रीय
07-Jul-2025


एक पौधा करीब 4-5 लाख रुपए में बिकता बाड़मेर,(ईएमएस)। रेगिस्तान में अनार, खजूर, अंजीर के बाद अब चंदन की खेती को लेकर भी किसानों से नवाचार पेश कर दिया हैं। बाड़मेर​ जिले में भीमडा में एक डॉक्टर ने 18 बीघा में सफेद चंदन के 900 पौधों की खेती की है। सफेद चंदन परजीवी पौधा है, इस पनपाने के लिए आसपास घना जंगल जरूरी होता है। इसके लिए बड़े स्तर पर चंदन के पौधे के आसपास केजुरिना, खेजड़ी, आंवला, नींबू, अमरूद, अंजीर व मालबार नाम के सैकड़ों पौधे लगाए हैं। चंदन आसपास के पौधों की जड़ से ही पानी और भोजन लेता है। इसके लिए आसपास होस्ट प्लांट तैयार किया गया है। किसान भगवानाराम सारण के बेटे जोगेश ने बताया कि भीमडा के रतनाली नाडी के पास लगे चंदन के 400 पौधे 5-6 फीट तक हाइट में हैं। चंदन के पौधे को पनपाने के लिए आसपास केजुरिना के 500, खेजड़ी के 100, आंवले के 500, नींबू के 100, अमरूद के 50, अंजीर के पौधे लगाए गए है। इसके अलावा बाउंड्री पर 700 मालबार नीम के पौधे लगाए गए है, जो करीब 30-35 फीट से ज्यादा लंबे है। सफेद चंदन का पौधा 14 साल बाद बेचने लायक होता है। एक पौधा करीब 4-5 लाख रुपए में बिकता है। करीब 20-25 साल में चंदन के पेड़ की कीमत 5 से 35 लाख रुपए प्रति टन तक होती है। एक किलो लकड़ी की कीमत 5 से 35 हजार रुपए किलो तक होती है। इसके बाद करोड़ों रुपए की कमाई की जा सकती है। 5-6 साल बाद पेड़ों में चंदन की खुशबू आने लग जाएगी। यह खुशबू ही है जो चंदन को इतनी कीमती बनाती है। चंदन की जड़ से कई प्रकार के महंगे परफ्यूम तैयार होते हैं। इसके तने की लकड़ी भी बेहद कीमती होती है। पेड़ के जिस भाग की लकड़ी में जितनी ज्यादा खुशबू होगी, उतनी ही ज्यादा कीमत होगी। इसके प्रोडक्ट विदेशों तक सप्लाई किए जाते हैं। आशीष दुबे / 07 जुलाई 2025