दुनिया हमारे रक्षा क्षेत्र की ओर देख रही है नई दिल्ली(ईएमएस)। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह डीआरडीओ द्वारा आयोजित नियंत्रक सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, आपने नियंत्रक सम्मेलन आयोजित किया है, लेकिन मुझे लगता है कि आपका दिमाग खुला और ग्रहणशील होना चाहिए। इस विभाग की जिम्मेदारी सिर्फ कागजों पर हिसाब-किताब संभालना नहीं है, बल्कि यह हमारी सुरक्षा व्यवस्था का भी अहम हिस्सा है। जब आप ईमानदारी से काम करते हैं, तो इसका असर हमारी सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों तक भी पहुंचता है। उन्हें लगता है कि उनके पीछे एक सिस्टम है जो हर परिस्थिति में उनके साथ रहेगा। हमारा रक्षा बजट कुछ देशों की जीडीपी से भी बड़ा राजनाथ सिंह ने कहा, यदि आप हमारे रक्षा बजट को देखें, तो यह दुनिया के कुछ देशों के सकल घरेलू उत्पाद से भी बड़ा है। जब लोगों की मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा रक्षा मंत्रालय को आवंटित किया जाता है, तो हमारी जिम्मेदारी तेजी से बढ़ जाती है। हमें प्रभावी विकास की आवश्यकता है। हमारा रक्षा व्यय ऐसा होना चाहिए कि न केवल बजट बढ़े, बल्कि हम इसका सही तरीके से, सही उद्देश्य के लिए सही समय पर उचित तैनाती के माध्यम से उपयोग भी कर सकें। उन्होंने कहा, रक्षा अधिग्रहण परिषद ने पहली बार जीईएम पोर्टल से पूंजीगत खरीद की अनुमति दी है, यह एक सराहनीय कदम है। मुझे यह भी बताया गया है कि विभाग रक्षा कर्मियों के लिए व्यापक वेतन प्रणाली और केंद्रीकृत डेटाबेस प्रबंधन पर काम कर रहा है। हमारे स्वदेशी रक्षा उत्पादों की मांग बढ़ी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ द्वारा आयोजित नियंत्रक सम्मेलन में बोलते हुए कहा, दुनिया हमारे रक्षा क्षेत्र की ओर देख रही है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे सैनिकों ने जो वीरता दिखाई है, साथ ही जिस तरह से हमने अपने घरेलू उपकरणों की क्षमताओं का प्रदर्शन किया है, उससे हमारे स्वदेशी रक्षा उत्पादों की मांग में वृद्धि हुई है। 2024 में विश्व सैन्य व्यय बढक़र 2.7 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। इतना बड़ा बाजार हमारा इंतजार कर रहा है। विनोद उपाध्याय / 07 जुलाई, 2025