:: राजेन्द्र नगर की भागवत कथा में सैकड़ों भक्तों ने धूमधाम से मनाया गोवर्धन पूजा उत्सव ; आज रुक्मणी विवाह :: इंदौर (ईएमएस)। राजेंद्र नगर के टंकी हॉल (जवाहर सभागृह) में परशुराम महासभा की मेजबानी में चल रही भागवत ज्ञान यज्ञ में आज गोवर्धन पूजा उत्सव धूमधाम से मनाया गया। भागवताचार्य पं. ऋषभदेव महाराज ने अपने दिव्य प्रवचन में कहा कि जब तक हम अपने अंदर बैठे अहंकार रूपी कंस को खत्म नहीं करेंगे, तब तक कृष्ण के दर्शन नहीं होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा, भक्ति रूपी तिजोरी को सुरक्षित रखने का नाम ही सत्संग है। महाराज ने दुख व्यक्त किया कि सनातन धर्मी धीरे-धीरे अपने शास्त्रों से दूर होते जा रहे हैं, जबकि अन्य धर्मावलंबी अपने धर्म के प्रति दृढ़ आस्था रखते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यही स्थिति बनी रही, तो हमारी आने वाली पीढ़ियां गीता, भागवत और रामायण जैसे ग्रंथों से कैसे परिचित होंगी। उन्होंने बताया कि हमारे धर्मग्रंथों की बातें मानव कल्याणकारी हैं, और सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह जैसे सिद्धांत आज भी दुनिया का मार्गदर्शन करने में सक्षम हैं। कथा की शुरुआत में पूर्व महापौर डॉ. उमा शशि शर्मा, श्रीमती पूनम-संजय मिश्रा सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने व्यासपीठ का पूजन किया। गोवर्धन पूजा उत्सव में शहर की प्रथम महिला जूही पुष्यमित्र भार्गव, सुरेश शर्मा और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं एवं मातृ शक्ति ने गोवर्धन पर्वत एवं बाल ग्वालों का पूजन किया। पं. ऋषभदेव महाराज ने आगे कहा कि सुख का मूल धर्म है। उन्होंने कहा कि भोजन में मिले जहर का तो उपचार संभव है, लेकिन कानों में घुलने वाले जहर से हमारी नई पीढ़ी को बचाना एक बड़ी चुनौती है। जहाँ कंस (अहंकार) होगा, वहाँ कृष्ण (ईश्वरीय चेतना) कैसे रहेंगे? उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा को सद्गुणों से सँवारने का खजाना बताते हुए इसे कल्पवृक्ष के समान बताया, जिसकी छाया में जाने मात्र से भी कल्याण होता है। संयोजक पं. संजय मिश्रा ने बताया कि मंगलवार, 8 जुलाई को कथा में रुक्मिणी मंगल उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। प्रकाश/7 जुलाई 2025