-एटीसी ने स्विस एयरलाइंस को दिया गो-अराउंड का निर्देश नई दिल्ली,(ईएमएस)। दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा टल गया, जब रनवे पर एक विमान पहले से खड़ा था। इसी दौरान दूसरा विमान भी आ गया। एयर ट्रैफिक कंट्रोल और विमान के पायलटों की सतर्कता से स्थिति को संभाल लिया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया और कई लोगों की जान बच गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक फ्लाइट के रनवे पर धीमे होने के कारण यह स्थिति बनी। ये फ्लाइट तय जगह से पहले रनवे खाली न होने के कारण यह स्थिति बनी। इससे पीछे आ रहे विमान के बीच की दूरी कम हो गई। स्विस एयरलाइंस की फ्लाइट एलएक्स146 ज्यूरिख से दिल्ली आ रही थी। उसी समय एक और विमान फुकेत से आ रहा था। फुकेत से आ रहा विमान रनवे पर धीरे हो गया। इससे दोनों विमानों के बीच की दूरी कम हो गई। एटीसी ने स्विस एयरलाइंस के विमान को गो-अराउंड करने का निर्देश दिया। गो-अराउंड का मतलब है कि फ्लाइट को रनवे पर उतरने के बजाय फिर से उड़ान भरनी होती है। स्विस एयरबस ए330 विमान को एटीसी ने 1400 फीट की ऊंचाई पर गो-अराउंड करने का निर्देश दिया। विमान दूसरी बार में सुरक्षित उतरा गया। यह घटना रविवार रात 11.40 बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर घटी। स्विस एलएक्सए146 विमान ज्यूरिख से आ रहा था। उससे पहले एक और विमान फुकेत से आ रहा था। एटसी और पायलटों की समझदारी से एक बड़ी दुर्घटना टल गई। रिपोर्ट में एक वरिष्ठ एटीसी अधिकारी के मुताबिक फुकेत से आ रहा विमान रनवे 11आर से चार नॉटिकल मील दूर था। एलएक्स146 विमान उससे आठ नॉटिकल मील पीछे था। फुकेत वाले विमान ने अंतिम अप्रोच पर अपनी गति कम कर दी। इसके बाद, एटीसी ने स्विस विमान को अपनी स्पीड कम करने को कहा। एटीसी को उम्मीद थी कि फुकेत से आ रहा विमान रनवे से जल्द ही हट जाएगा। रनवे 11आर पर वॉय1 नाम का एक रैपिड एग्जिट टैक्सीवे है। टैक्सीवे एक तरह का रास्ता होता है, जिससे विमान रनवे से जल्द हट जाता है। अगर फुकेत से आ रहा विमान वॉय1 टैक्सीवे से हट जाता, तो स्विस एयरलाइंस का विमान सुरक्षित उतर सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एटीसी ने स्विस विमान को कंटिन्यू अप्रोच करने को कहा। चूंकि पहला विमान समय पर रनवे खाली नहीं कर सका, इसलिए एटीसी ने स्विस एयरलाइंस को सुरक्षा कारणों से गो अराउंड करने या एक मिस्ड एप्रोच करने को कहा। फ्लाइट ट्रैकिंग साइटों से पता चलता है कि लुफ्थांसा ग्रुप के विमान ने ऐसा तब किया जब वह 1400 फीट की ऊंचाई पर था। फ्लाइट ट्रैकिंग साइटों के मुताबिक यह 11.51 बजे अपने दूसरे प्रयास में सुरक्षित रूप से उतरा। उस समय, दिल्ली में पूर्वी हवाएं चल रही थीं। यह मानसून के मौसम में आम है। आईजीआईए का मुख्य रनवे 10/28 15 जून से मरम्मत के लिए बंद कर दिया गया है। तीन चालू रनवे और पूर्वी हवाओं के साथ, दिल्ली में एक घंटे में अधिकतम 32 फ्लाइट्स उतरती हैं। दिल्ली में उड़ानों की संख्या कम कर दी गई है। फिर भी एटीसी और पायलटों को विमानों की आवाजाही को अधिकतम करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरुरत है। रिपोर्ट के मुताबिक एक एटीसी सूत्र ने बताया कि वह अनुभवी कर्मचारियों की कमी के बीच काम कर रहे हैं। चाहे दिल्ली हो या मुंबई, संकट की स्थिति में गलती की गुंजाइश कम होती है। एक विमान का धीमा होना या रनवे खाली करने में ज्यादा समय लगना मतलब सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रियल टाइम में तुरंत फैसला लेना जरूरी है। इस घटना से पता चलता है कि एटीसी और पायलटों की सतर्कता कितनी जरूरी है। उनकी तत्परता से एक बड़ा हादसा टल गया। यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि हवाई यात्रा में सुरक्षा कितनी अहम है। सिराज/ईएमएस 08जुलाई25