चीन ने राफेल को बदनाम करने के लिए साजिश रची लंदन (ईएमएस)। राफेल को मार गिराने के पाकिस्तान के दावों की पोल खुलती दिख रही है। अब लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी ने भी दो टूक कह दिया है कि पाकिस्तान ने भारत का कोई राफेल नहीं गिराया है। इसके पहले एक इंटरव्यू के दौरान भारत के रक्षा सचिव भी इसकी पुष्टि कर चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दसॉ एविएशन के अध्यक्ष और सीईओ एरिक ट्रैपियर ने बताया है कि एक राफेल जेट ऊंचाई पर जाकर तकनीकी खामी आ गई थी, इसकारण वह क्रैश हुआ। संघर्ष के दौरान कोई जेट नहीं गिरा था। बात दें कि रक्षा सचिव आरके सिंह ने कहा कि यह कहना गलत है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के राफेल विमान गिराए गए थे। उन्होंने कहा, आपने राफेल्स का इस्तेमाल बहुवचन में किया है। मैं आपको भरोसा दिला सकता हूं कि यह सच नहीं है। भारत के मुकाबले पाकिस्तान को जान और माल के मामले कई गुना नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। उन्होंने कहा है कि भारतीय बलों को ऑपरेशन के दौरान पूरी छूट दी गई थी। उन्होंने कहा, हमारे सशस्त्र बलों पर कोई राजनीतिक रोक नहीं थी और उनके पास पूरी स्वतंत्रता थी। दरअसल चीन ने मई में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के बाद फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमानों के प्रदर्शन के बारे में भ्रम की स्थिति पैदा करने की जिम्मेदारी अपने दूतावासों को दी थी, ताकि विमान की प्रतिष्ठा और बिक्री को नुकसान पहुंचे। फ्रांसीसी सैन्य और खुफिया अधिकारियों ने इसका निष्कर्ष निकाला है। फ्रांसीसी खुफिया सेवा की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी दूतावासों में रक्षा अधिकारियों (डिफेंस अताशे) ने राफेल की बिक्री को प्रभावित करने के लिए एक रणनीतिक अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य उन देशों को राजी करना था, जिन्होंने पहले से ही फ्रांस निर्मित लड़ाकू विमान का ऑर्डर दे दिया है। विशेष रूप से इंडोनेशिया कि वे राफेल विमान न खरीदें तथा अन्य संभावित खरीदारों को चीन निर्मित विमान चुनने के लिए प्रोत्साहित किया। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसकी वायुसेना ने सैन्य संघर्ष के दौरान पांच भारतीय विमानों को मार गिराया, जिसमें तीन राफेल भी शामिल थे। फ्रांसीसी अधिकारियों का कहना है कि इससे उन देशों की ओर से राफेल के प्रदर्शन को लेकर सवाल उठे, जिन्होंने फ्रांसीसी निर्माता दसॉ एविएशन से लड़ाकू विमान खरीदे हैं। आशीष दुबे / 08 जुलाई 2025