कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अपने बयान पर माफी मांगे नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने देश की प्रथम महिला आदिवासी राष्ट्रपति मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति कोविंद के लिए आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं, यह दलित और आदिवासी समुदायों का अपमान है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी से माफी की मांग की। दरअसल भाटिया ने प्रेसवार्ता कर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने राष्ट्रपति मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति कोविंद का जानबूझकर अपमान किया है। क्या यह वहीं कांग्रेस पार्टी है जो खुद को संविधान की रक्षक बताती है? जिस पार्टी के नेता हाथ में संविधान की प्रति लेकर जनता के सामने नारे लगाते हैं, वहीं पार्टी के नेता देश के शीर्ष संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों का इस तरह से अपमान करते हैं। इस तरह के बयान कांग्रेस की संकीर्ण, जातिवादी और संविधान विरोधी सोच को प्रदर्शित करते है। भाजपा प्रवक्ता भाटिया ने कहा कि यह बयान आदिवासी, महिला और दलित विरोधी मानसिकता का घिनौना प्रदर्शन है। यह कांग्रेस की गिरी हुई राजनीतिक सोच का उदाहरण है। देश आज इन बयानों पर थू-थू कर रहा है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को निशाने पर लेकर उन्होंने कहा कि मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस में इतनी कटुता और नफरत क्यों भरी हुई है? क्या यह वहीं कांग्रेस है, जो कि दशकों तक सत्ता में रहते हुए वंचित वर्गों के अधिकारों की अनदेखी की? उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस खुद को पीड़ित दिखाने में जुटी है, जबकि असल में भूमि हड़पने वालों का इतिहास कांग्रेस परिवार से जुड़ा है। जिस तथाकथित नकली गांधी परिवार से रॉबर्ट वाड्रा ताल्लुक रखते हैं, वहीं असल में जमीन कब्जाने का जीवंत उदाहरण है। आज जब एक गरीब, आदिवासी, मेहनतकश महिला देश की राष्ट्रपति बनी हैं, तब कांग्रेस के नेताओं को यह रास नहीं आ रहा। बीजेपी प्रवक्ता भाटिया ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की टिप्पणी केवल व्यक्तिगत अपमान नहीं, बल्कि राष्ट्रपति पद की गरिमा का अपमान है। उन्होंने कांग्रेस से माफी की मांग कर कहा कि भारत की जनता अब जाग चुकी है और इसतरह के घृणास्पद विचारों को सिरे से खारिज करेगी। खड़गे का बयान केवल व्यक्तिगत दुर्भावना नहीं है, यह देश की आत्मा और संविधान के मूल मूल्यों पर सीधा हमला है। आशीष दुबे / 08 जुलाई 2025