गांधीनगर (ईएमएस)| भारत में आशाजनक करियर वाले कई छात्रों ने विभिन्न शैक्षिक योजनाओं के माध्यम से विदेश में अपनी पढ़ाई पूरी करके अपने सुनहरे करियर को पंख दिए हैं। गुजरात के विद्यार्थियों के सपनों को पंख देने वाली राज्य सरकार की विदेश अध्ययन ऋण योजना के तहत अब तक अनारक्षित वर्ग के 14,993 विद्यार्थियों को 2182.43 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं। वंचितों के विकास के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की सरकार ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भानुबेन बाबरिया के मार्गदर्शन में, गैर-आरक्षित श्रेणियों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा के बाद विदेश में अध्ययन करने और अपना उच्च कैरियर बनाने में सक्षम बनाने के लिए विदेश अध्ययन ऋण योजना लागू की गई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अंतर्गत गुजरात अनारक्षित विकास निगम ने विदेश में अध्ययन करने के इच्छुक अनारक्षित छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए विदेशी अध्ययन ऋण योजना लागू की है। वर्ष 2018 से लागू इस योजना के तहत अब तक कुल 14,993 छात्रों को 15-15 लाख रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जिनकी कुल राशि 2182.43 करोड़ रुपये है। विदेशी अध्ययन ऋण योजना के तहत, गैर-आरक्षित श्रेणी के छात्रों को एक वर्ष या उससे अधिक या कम से कम दो सेमेस्टर की अवधि के लिए विदेश में उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम करने के लिए 4% प्रति वर्ष की साधारण ब्याज दर पर 15 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए व्यक्तिगत एवं पारिवारिक आय सीमा 06 लाख रुपये रखी गई है। राज्य सरकार कल्याण के लिए गंभीर प्रयास कर रही है ताकि गुजरात के हर वर्ग के नागरिक को विकास का लाभ मिल सके। विदेश अध्ययन ऋण योजना के तहत, उधारकर्ता के पास कक्षा 12 या किसी मान्यता प्राप्त समकक्ष पाठ्यक्रम में 60% या उससे अधिक अंक होने चाहिए। डिप्लोमा, स्नातक, स्नातकोत्तर, स्नातकोत्तर डिप्लोमा, पीएचडी के साथ-साथ सभी क्षेत्रों में एक वर्ष से अधिक या कम से कम दो सेमेस्टर की अवधि वाले अन्य पाठ्यक्रम भी ऋण के लिए पात्र होंगे। उल्लेखनीय है कि एक ही परिवार के अधिकतम दो विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले ऋण के मामले में, अधिकतम पाँच लाख रुपये, एक वर्ष की छूट अवधि के बाद, पढ़ाई पूरी होने के बाद पाँच वर्षों तक समान मासिक किश्तों में चुकाना होगा। जबकि 5 लाख रुपये से अधिक के ऋण के मामले में, पढ़ाई पूरी होने के बाद एक वर्ष की छूट के बाद छह वर्षों की समान मासिक किस्तों में इसे चुकाना होगा। सतीश/11 जुलाई