राज्य
11-Jul-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली में मानसून की बारिश ने दिल्ली का मौसम तो सुहावना कर दिया, लेकिन बुधवार को भी तेज बारिश से हाल बेहाल हो गया। दिल्ली के कई इलाकों से जलभराव की तस्वीर सामने आई, जिसके बाद विपक्ष में आप ने सत्ता में बीजेपी की दिल्ली सरकार पर सवाल खड़े किए। आप के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में मानसून की बारिश बीजेपी के चारों इंजन को अपने साथ बहा ले गई। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक के जलभराव नहीं होने के दावे ध्वस्त हो गए। पूरी दिल्ली में लोग जलभराव और जाम से घंटों जूझते रहे। सौरभ भारद्वाज ने कहा, कहीं एंबुलेंस फंसी, तो कहीं सड़कों पर भरे पानी में बच्चों ने नाव चलाई। उन्होंने कहा कि नालों की डि-सिल्टिंग के नाम पर एलजी, सीएम, मंत्री सिर्फ फोटो सेशन करा रहे थे। जलभराव नहीं होने देने का उनका दावा सिर्फ जुमला था। प्रवेश वर्मा तो कह रहे थे कि उन्होंने 400 सस्पेंशन लेटर तैयार कर रखे थे। अब जब दिल्ली पानी-पानी हो गई है, तो उन्होंने कितने अफसरों को सस्पेंड किया है? सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली में मानसून की तैयारी को लेकर दिल्ली की बीजेपी सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, पिछले कुछ महीनों से हम देख रहे थे कि डिसिल्टिंग के नाम पर फोटो सेशन हो रहे थे। एलजी गए, मुख्यमंत्री गईं, मंत्री गए, अफसरों का पूरा जत्था जाता था। फोटो सेशन करके कहा जाता था कि अब दिल्ली में पानी नहीं भरेगा। मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि मैंने करीब 400 सस्पेंशन लेटर तैयार कर रखे हैं। जहां वाटर लॉगिंग होगी, वहां के जिम्मेदार सीनियर पीडब्ल्यूडी अधिकारी या अन्य अफसर को तुरंत सस्पेंड किया जाएगा। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सवाल यह है कि दिल्ली में हर जगह वाटर लॉगिंग हुई, कितने अफसरों को सस्पेंड किया गया? क्योंकि इनके सस्पेंशन लेटर तो तैयार थे? प्रवेश वर्मा और उनकी सरकार कह रही थी कि हर जगह के लिए एक अफसर की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। यहां पानी भरा, तो यह जिम्मेदार होगा। ऐसे में क्या जिम्मेदार अफसरों को रातों-रात सस्पेंड किया गया? उन्होंने कहा कि डिसिल्टिंग के नाम पर करोड़ों रुपए के ठेके दिए जाते थे। मैंने तब, बतौर मंत्री, शिकायत की थी कि यह डिसिल्टिंग कागजों पर हुई है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज डिसिल्टिंग के नाम पर जो करोड़ों रुपए बर्बाद किए गए, क्या सरकार इसकी जांच कराएगी? क्या इसके लिए जिम्मेदार अफसरों को सस्पेंड किया जाएगा? उन्होंने कहा कि तत्कालीन आप की सरकार के पास तो सस्पेंड करने की शक्ति नहीं थी। एलजी बीजेपी के ही हैं। इसके बावजूद, अगर बीजेपी सरकार बड़े पैमाने पर अफसरों को सस्पेंड नहीं कर रही है, तो इसका मतलब बीजेपी सरकार और अफसरों की मिलीभगत है। इस भ्रष्टाचार में बहुत सारे लोग शामिल हैं। इसीलिए, सामने दिखते हुए भी, सरकार भ्रष्टाचार पर कार्रवाई के लिए तैयार नहीं है। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/11/ जुलाई /2025