12-Jul-2025
...


नई दिल्ली(ईएमएस)। चंपारण ऐतिहासिक रूप से महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन का केंद्र रहा है, लेकिन अब यह भाजपा-जेडीयू गठबंधन के लिए सियासी ताकत दिखाने का मंच बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जुलाई को बिहार के चंपारण के मोतिहारी में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। पीएम के इस इस दौरे को एनडीए की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है। एनडीए ने इसे 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी का एक बड़ा कदम बनाया है। पीएम मोदी के इस दौरे से पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यहां दौरा कर चुके हैं और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की कोशिश हो चुकी है। एनडीए की योजना इस जनसभा के जरिए अपनी एकता का संदेश देने के साथ-साथ सामाजिक समीकरणों को साधने और विकास व सुशासन के एजेंडे को मजबूत करने की है। लोकसभा चुनावों में भी चंपारण एनडीए का मजबूत गढ़ रहा है। 2019 में पूर्वी चंपारण से बीजेपी के राधा मोहन सिंह ने 54.3 प्रतिशत वोट और पश्चिमी चंपारण से संजय जायसवाल ने 56.1 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। हालांकि 2024 के चुनाव में दोनों सीटें बरकरार रहीं लेकिन वोट शेयर में थोड़ी गिरावट आई और विपक्ष ने कड़ी टक्कर दी। ऐसे में पीएम मोदी का यह दौरा एनडीए के लिए सामाजिक और चुनावी समीकरण मजबूत करने का मौका है। इस दौरे में प्रधानमंत्री मोदी कई बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष पैकेज, वित्तीय समावेशन, ऋण, सब्सिडी और प्रशिक्षण योजनाओं का ऐलान संभावित है। चंपारण पूर्वी और पश्चिमी जिलों में बंटा हुआ इलाका है, जहां ऊंची जातियां, ओबीसी, अति पिछड़ा वर्ग और दलितों का मिश्रित मतदाता आधार है। एनडीए की रणनीति ओबीसी और अति पिछड़े वर्ग को साधने पर खास फोकस कर रही है। नीतीश कुमार पहले ही जातिगत जनगणना और ओबीसी-ईबीसी आरक्षण बढ़ाने का मुद्दा उठाकर अपनी पकड़ मजबूत कर चुके हैं। एनडीए इस दौरे में केंद्र और राज्य सरकार की विकास योजनाओं को गिनाकर मतदाताओं को अपने पाले में बनाए रखने की कोशिश करेगा। पिछले चुनावों के आंकड़े इसकी अहमियत साफ करते हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में चंपारण की 12 सीटों में एनडीए को सिर्फ 5 सीटें मिली थीं, जबकि महागठबंधन को 7 सीटें मिली थीं। लेकिन 2020 में जेडीयू के एनडीए में शामिल होने के बाद गठबंधन ने 8 सीटें जीत लीं और बीजेपी-जेडीयू दोनों ने वोट शेयर में बढ़त दर्ज की। पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त भी मोतिहारी से जारी की जा सकती है, जिससे बिहार के 76 लाख किसानों को सीधा फायदा होगा। रेलवे की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास होने की संभावना है, जिनमें करपूरी ग्राम रेलवे स्टेशन का उन्नयन और अमृत भारत ट्रेन की घोषणा शामिल है। इसके अलावा महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के नए भवन की आधारशिला भी रखी जा सकती है। एनडीए की चुनौती विपक्ष के महागठबंधन की सक्रियता है, जो जाति और बेरोजगारी के मुद्दों को उठाकर मुकाबला कर रहा है। लेकिन पीएम मोदी की लोकप्रियता, विकास योजनाओं की झड़ी और जेडीयू-बीजेपी की एकजुटता के सहारे एनडीए इसे मास्टरस्ट्रोक बनाना चाहता है। मोतिहारी की यह सभा न केवल चंपारण में एनडीए की जड़ों को और गहरा करेगी, बल्कि बिहार की चुनावी सियासत में इसके प्रभाव को भी मजबूत करेगी। वीरेंद्र/ईएमएस/12जुलाई2025