2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे। तब उनकी छवि एक ऐसे सशक्त नेता के रूप में थी। जिसमें भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं था। सरकारी घोटाले और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए, उन्होंने जो वायदे किए थे। उसके बाद यह माना गया था, उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में भ्रष्टाचार घोटाला और अपराधों में भारी कमी आएगी। 11 वर्षों से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के पद पर हैं। इसके बाद भी घोटाले, भ्रष्टाचार और अपराधिक घटनाओं में कमी होने के स्थान पर लगातार वृद्धि हो रही है। दुनिया के देशों में भारत की एक नई छवि विकसित हो रही है। भारत को भ्रष्टाचार,घोटाले और धोखाधड़ी के सरताज के रूप में देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश के आर्थिक अपराध अनुसंधान के अधिकारियों ने 49000 करोड रुपए की ठगी का पर्दाफाश किया है। निवेशकों को लुभावूनी योजनाओं का झांसा देकर 49000 करोड रुपए की लूट की गई है। अपराध शाखा ने पर्ल्स एग्रोटेक कॉरपोरेशन लिमिटेड के मलिक गुरनाम सिंह को पंजाब के रोपड़ से गिरफ्तार किया है। यह भारत का सबसे बड़ा ठगी का घोटाला है। इसके पहले सीबीआई ने पोंजी स्कीम मामले में इसे गिरफ्तार किया था। यह जमानत पर चल रहा है। इसके बाद भी इसका ठगी और घोटाले का कारोबार चलता चला आ रहा है। इसी तरह का एक मामला मध्य प्रदेश के इंदौर में उजागर हुआ है। ट्रेडिंग के नाम पर निवेश की गई राशि को डबल करने के नाम पर पांच राज्यों के निवेशकों से ठगी की गई। 2400 करोड़ की ठगी का यह मामला इंदौर में सामने सामने आया है। यह ठगी एफएक्स और यार्कर कैपिटल फर्म के जरिए देश के पांच राज्यों में की गई है। इंदौर एसटीएफ को जांच के दौरान हरियाणा के एक कमरे से कंपनी चला रहे, मालिकों के पास से 300 करोड़ से ज्यादा के संदिग्ध लेनदेन के सबूत प्राप्त हुए हैं। इंदौर एसटीएफ ने 150 करोड रुपए की राशि को फ्रीज किया है। इन कंपनियों के बारे में सूचना केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय ईडी को दी गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने झांगूर बाबा को धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश की पुलिस को 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का विदेशी लेनदेन के सबूत मिले है। इस बाबा ने विदेशी धन का उपयोग धर्मांतरण के लिए किया है। इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए ही केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय को असीमित अधिकार दिए गए थे। विदेश से जो धन आ रहा था, उसको पकड़ पाने में ईडी असफल साबित हुई। 2015 से 2025 के बीच में सैकड़ों घोटाले सामने आए है। उनके कोई सबूत नहीं थे, सरकारों ने राजनैतिक आरोप मानकर उनकी जांच भी नहीं कराई। जिसके कारण अधिकृत आंकड़े कभी सामने नहीं आए। जिन मामलों में जानकारी निकाल कर सामने आई है। इसमें एबीजी शिपयार्ड घोटाला लगभग 22800 करोड़ का है। 28 बैंकों के साथ धोखाधड़ी की गई है। नीरव मोदी का पंजाब नेशनल बैंक घोटाला लगभग 14000 करोड रुपए का है। इसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंकों को चूना लगाया और विदेश भाग गया। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी आज भी भगडों की सूची में शामिल है। विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस घोटाला 9000 करोड रुपए का है। वह भी भारत छोड़कर विदेश में रह रहे हैं। पिछले 6 साल से उसे भारत लाने की कोशिश भारत सरकार कर रही है। अभी तक उन्हें भारत नहीं लाया जा सका है। 2018 से 2023 के बीच में अल्पसंख्यक पेंशन में 14483 करोड रुपए का घोटाला सामने आया। यह घोटाला 34 राज्यों में 1572 संस्थाओं के माध्यम से किया गया। अभी इसकी सीबीआई जांच ही चल रही है। कुछ खातों को फ्रीज कर दिया गया है, लेकिन मामला अभी भी ढाक के पात है। 2025 में उत्तर प्रदेश का बीमा घोटाला सामने आया है। इसमें बीमार लोगों को निशाना बनाकर बीमा पॉलिसी के जरिए करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गई है। अरुणाचल में सरकारी धन के गबन का मामला सामने आया है, इसकी जांच चल रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह घोटाला किया गया है। यह भी करोड़ों रुपए का घोटाला है। बैंकिंग घोटाले और धोखाधड़ी की बात करना ही अब व्यर्थ हो गई है। 2015 से लेकर 2021 तक देश में ढाई लाख करोड रुपए की बैंकिंग धोखाधड़ी हुई है। महाराष्ट्र दिल्ली तेलंगाना गुजरात तमिलनाडु राज्यों में 83 फ़ीसदी घोटाले हुए हैं। बैंकों में साइबर धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ते चले जा रहे हैं। 2015-16 में 67760 करोड रुपए की, 2020-21 में 10699.9 करोड रुपए की धोखाधड़ी दर्ज की गई थी। जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। भारत में इलेक्ट्रोल फंड, पीएम केयर फंड, एवं कई दर्जन ऐसे घोटालों के आरोप लगे हैं। जिनकी जांच नहीं हुई है, इन्हें राजनीतिक घोटाले के आरोप मानते हुए उनकी जांच ही नहीं कराई गई है। इसी तरह शेयर बाजार और सेबी के घोटाले समय-समय पर सामने आए हैं। इसकी जांच की जिम्मेदारी सेवी को दी गई थी। अभी तक कहीं से भी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। केंद्र सरकार की योजनाओं और राज्य सरकार की योजनाओं को लेकर रोजाना सैकड़ो करोड रुपए के घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आते हैं। उनकी जांच नहीं होने के कारण, यह सारे घोटाले, आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित रह जाते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में भारत में हो रहे घोटाले, भ्रष्टाचार एवं धोखाधड़ी के मामले दुनिया में पहुंच रहे हैं। जिसके कारण भारत की एक नई छवि वैश्विक स्तर पर बन रही है। भारत को भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और ठगी के रूप में पहचाना जा रहा है। जब भारत स्वतंत्र हुआ था, उस समय भारत की पहचान सांप और सपेरों से होती थी। अब ठगी, धोखाधड़ी और अपराध से दुनिया के देशों में भारत की पहचान बन रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार केन्द्र की सत्ता में है। वह धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और रिश्वत को रोकने के लिए सत्ता में काबिज हुए थे। उनके शासनकाल में यह स्थिति आश्चर्यजनक है। ईएमएस / 12 जुलाई 25