नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली में कांवड़ यात्रा और शिविरों को लेकर आप और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है। आप का आरोप है कि बीजेपी सरकार कांवड़ समितियों को पैसा देने में भेदभाव कर रही है। कावड़ यात्रा और शिविरों को लेकर दिल्ली में राजनीति तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली में बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी सरकार कांवड़ समितियों को पैसा देने में भेदभाव कर रही है। उनका कहना है कि बीजेपी सरकार ने कहा था कि वह टेंट, बिजली, साउंड का खर्च नहीं उठाएगी, बल्कि समितियों के खाते में सीधे पैसा देगी। कांवड़ शुरू हो चुका है, लेकिन अभी तक किसी को पैसा नहीं मिला है। बीजेपी कांवड़ शिविर लगाने में भी राजनीति कर रही है। इसी गंदी राजनीति के तहत गुरुवार (10 जुलाई) को कोंडली में वर्षों से लग रहे कांवड़ शिविर को पुलिस से हटवा दिया गया। अब यहां किसी बीजेपी नेता से शिविर लगवाया जाएगा। वहीं, बीजेपी सरकार ने अपने विधायकों को नई समितियां बनाने को कहा है, ताकि उन्हें पैसा मिले, लेकिन वर्षों से चल रही समितियों को पैसा नहीं देगी। सौरभ भारद्वाज और कोंडली के आप विधायक कुलदीप कुमार ने गुरुवार को कांवड़ यात्रा को लेकर बयान जारी करते हुए कहा है कि वन में उत्तर भारत में गंगा से कांवड़ लाने का पुराना चलन है। लाखों शिव भक्त गंगाजल लेकर अपने गांव-मोहल्ले के शिव मंदिरों में भोले बाबा को जल चढ़ाते हैं। पिछले 10-11 साल तक आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने इसे बहुत व्यवस्थित ढंग से चलाया। उनका कहना है कि कांवड़ शिविरों के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार टेंट, लाइट, साउंड, फर्नीचर, कूलर, पंखे, म्यूजिक सिस्टम, स्टेज का खर्च उठाती थी। कांवड़ समितियों को सिर्फ सेवा और प्रसाद वितरण की व्यवस्था करनी होती थी। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मेरी विधानसभा ग्रेटर कैलाश में दो कांवड़ शिविर लगते थे। कुछ न्यूट्रल लोग थे, तो कुछ बीजेपी से जुड़े थे। इसके बाद भी हम पूरी श्रद्धा से उनका काम कराते थे। टेंट, लाइट, साउंड लगवाते थे। हमने कभी उन पर कब्जा करने की कोशिश नहीं की। 10 साल बाद भी वही लोग शिविर चलाते रहे। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि अब बीजेपी सरकार कांवड़ यात्रा को लेकर राजनीति कर रही है। आप पार्टी का कहना है की बीजेपी सरकार ने कहा कि सरकार टेंट, लाइट, साउंड नहीं लगवाएगी, सीधे कावंड़ समितियों को पैसा देगी। कांवड़ समितियों में असमंजस की स्थिति थी कि सरकार कितना और कब पैसा देगी। सचिवालय में मंत्री ने इसको लेकर मीटिंग ली, उसका विरोध किया गया। वहां कांवड़ वालों और शिविर के लिए आपत्तिजनक शब्द भी कहे गए। सरकार ने कहा कि कावंड़ समितिके खाते में पैसा देगी। अब कांवड़ शिविर लगने का समय आ गया, लेकिन अभी तक किसी को पैसा नहीं मिला। कांवड़ वालों को यह भी नहीं पता है कि कितना और कब पैसा मिलेगा। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब बीजेपी सरकार कावंड़ शिविरों में भेदभाव शुरू कर दी है। जो कांवड़ शिविर बीजेपी से नहीं जुड़े हैं, उनको सरकार द्वारा अनुमति नहीं दी जा रही है। जिसपर बीजेपी पार्षद प्रियंका गौतम का बयान सामने आया है , जिन्होंने कहा है कि कुलदीप कुमार को प्रीत विहार में कांवड़ कैंप लगाने की अनुमति दी गई थी, साथ ही उन्हें मयूर विहार में कांवड़ कैंप लगाने की अनुमति मिली थी। लेकिन जानबूझकर कर आम आदमी पार्टी और कुलदीप कुमार बखेड़ा खड़ा कर रहे है। आम विधायक कुलदीप कुमार ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली सरकार कांवड़ियों और भोले भक्तों के लिए व्यवस्थाएं करती है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार शानदार व्यवस्थाएं करती थी, जिसमें टेंट, लाइट, साउंड, टॉयलेट की व्यवस्था शामिल होती थीं। संस्थाएं सिर्फ सेवा और भोजन का काम करती थीं। यह चलन दिल्ली में लगातार रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बड़े-बड़े पंडाल लगते हैं, जिनका खर्च 25-40 लाख तक होता है। शाहदरा जैसे यूपी बॉर्डर इलाके में 15-20 दिन पहले कांवड़ कैंप लग जाते हैं। कुलदीप कुमार का आरोप है कि पहली बार दिल्ली में ऐसा देखने को मिल रहा कि 10 जुलाई हो चुकी है और 23 जुलाई को कांवड़ियों ने जल चढ़ाना है। मात्र 13 दिन ही बचे हैं, लेकिन अभी तक किसी कांवड़ समिति को नहीं पता लग पाया कि उनका टेंट लगेगा या नहीं। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/12/ जुलाई /2025