नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत को उसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। यूनेस्को की 47वीं बैठक में मराठा काल के 12 किलों को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित कर दिया गया है। यह ऐलान पेरिस में आयोजित सम्मेलन में हुआ। जिससे भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मान्यता मिली है। इन 12 किलों में महाराष्ट्र के 11 और तमिलनाडु का एक जिंजी किला शामिल है। ये सभी किले 17वीं से 19वीं शताब्दी के बीच मराठा साम्राज्य के उत्थान और रक्षा से जुड़े रहे हैं। इसमें से कुछ किले छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी, जन्मस्थली, और रणनीतिक केंद्र रहे हैं। वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल 12 किले : रायगढ़ किला (राजतिलक स्थल): शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक 1674 में यहीं हुआ था। यह किला मराठा साम्राज्य की राजधानी रहा और शिवाजी की समाधि भी यहीं स्थित है। शिवनेरी किला (जन्मस्थल): पुणे के पास मौजूद किले में 1630 में शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था। शिवाई देवी के मंदिर के नाम पर उनका नाम रखा गया था। सालहेर किला: नासिक जिले का यह किला भारत का दूसरा सबसे ऊंचा किला है और अपने ट्रेकिंग मार्ग, पहाड़ी सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है। लोहगढ़ किला: लोनावला के पास स्थित यह लोहे जैसा मजबूत किला शिवाजी महाराज द्वारा 1648 में जीता गया था और साम्राज्य की रक्षा में अहम रहा। राजगढ़ किला: कभी शिवाजी की राजधानी रहा यह किला रणनीतिक ऊंचाई और स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध है। यहीं सायबाई का निधन और अंतिम संस्कार हुआ था। प्रतापगढ़ किला: महाबलेश्वर के पास स्थित यह किला अफजल खान के साथ ऐतिहासिक युद्ध के लिए प्रसिद्ध है, जो मराठा इतिहास की बड़ी विजय थी। पन्हाला किला: कोल्हापुर का यह किला शिवाजी महाराज के युद्धों की योजना और रणनीतिक आधार रहा है। सुवर्णदुर्ग: समुद्र में स्थित यह दुर्ग मराठा नौसेना की समुद्री शक्ति का गवाह रहा है और कान्होजी आंग्रे की वीरता से जुड़ा है। विजयदुर्ग: सिंधुदुर्ग जिले का यह किला एक प्रमुख नौसेनिक अड्डा था और अपने सुरंगों व मजबूत दीवारों के लिए जाना जाता है। सिंधुदुर्ग: अरब सागर में बने इस किले का निर्माण स्वयं शिवाजी महाराज ने करवाया था, और यह मराठा नौसेना की रक्षात्मक दीवार रहा है। खंडेरी किला: अलीबाग के पास समुद्र में स्थित यह किला मराठा नौसेना का आधार रहा और ब्रिटिश व पुर्तगालियों के लिए बड़ी चुनौती था। जिंजी किला (तमिलनाडु) तमिलनाडु का यह एकमात्र किला है जिसे सूची में स्थान मिला। इसे दक्षिण भारत का सबसे मजबूत किला माना जाता है और शिवाजी महाराज ने 1690 में इसे मुगलों से बचाने के लिए अधिग्रहित किया था। भारत की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की संख्या अब 44 इन 12 किलों को मिलाकर भारत की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की कुल संख्या 44 हो गई है। यह भारत के विरासत संरक्षण प्रयासों और सांस्कृतिक पहचान की वैश्विक स्वीकृति को दर्शाता है। 3 महीने में दूसरी वैश्विक मान्यता इससे पहले 18 अप्रैल 2025 को, यूनेस्को ने श्रीमद् भगवद गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को अपने मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया था। यह रजिस्टर 1992 में शुरू किया गया था और इसका उद्देश्य ऐतिहासिक दस्तावेजों को वैश्विक संरक्षण और पहचान देना है। राष्ट्रीय गौरव को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान इन किलों को वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया जाना मराठा साम्राज्य के अद्वितीय सैन्य, प्रशासनिक और सांस्कृतिक योगदान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित करता है। यह न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए इतिहास को जीवित रखने में भी मदद करेगा। आशीष दुबे / 12 जुलाई 2025