नई दिल्ली(ईएमएस)। यमन में फांसी की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा को फांसी में अब दो ही दिन का समय बाकी है। उसे 16 जुलाई को फांसी दी जानी है। निमिषा प्रिया के ऊपर आरोप है कि उसने साल 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल आब्दो की हत्या कर दी थी। इसको लेकर वहां पर उसे फांसी की सजा सुनाई गई है। निमिषा को बचाने के लिए उसका परिवार एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है। सना की अधीनस्थ अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई है। उसने इस फैसले को यमन की सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी, लेकिन उसकी अपील खारिज कर दी गई और मौत की सजा बरकरार रखी गई। सूत्रों ने बताया कि निमिषा ने फिर यमन के राष्ट्रपति से दया की अपील की, लेकिन उन्होंने उसे माफी देने से इनकार कर दिया। बताया जाता है कि मृतक तलाल अब्दो मेहदी का परिवार हत्या के अपराध को माफ करने के बदले पैसा (ब्लड मनी) लेने को भी तैयार नहीं है। निमिषा प्रिया के लिए सभी कानूनी प्रयास किए गए, लेकिन उसके खिलाफ आरोप इतने गंभीर थे कि सभी प्रयास विफल रहे।केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया केस में सुप्रीम कोर्ट आज याचिका पर सुनवाई करेगी। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वह केंद्र सरकार को भारतीय नर्स को बचाने के लिए राजनयिक माध्यमों का इस्तेमाल करने का निर्देश दे। निमिषा के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट इस बात पर विचार करेगा कि निमिषा को फांसी से बचाने के लिए यमन के पीड़ित परिवार को ‘ब्लड मनी’देने का क्या विकल्प है। याचिका में तर्क दिया गया है कि यमन में शरिया कानून के तहत ‘ब्लड मनी’का प्रावधान स्वीकार्य है। अनुमान है कि जस्टिस विक्रम सेठ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। एडवोकेट सुभाष चंद्रा केआर ने निमिषा केस में यह याचिका दायर की है। इसमें तर्क दिया गया गया है कि ब्लड मनी देने से पीड़ित का परिवार केरल की इस नर्स को माफ कर देगा। इसके बाद निमिषा की फांसी रुक जाएगी। निमिषा प्रिया के परिवार ने 8.6 करोड़ रुपए ब्लड मनी के रूप में देने की पेशकश की है। परिवार को उम्मीद है कि तलाल आब्दो का परिवार यह राशि स्वीकार कर लेगा और निमिषा की जान बच जाएगी। वीरेंद्र/ईएमएस/14जुलाई2025