इस्लामाबाद,(ईएमएस)। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्वतंत्रता की मांग ने फिर जोर पकड़ लिया है। बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) और बलूच लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने ऑपरेशन बाम के तहत पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ 17 से अधिक हमलों को अंजाम देकर पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई की नींद उड़ा दी है। बीएनएम के सूचना सचिव काजी दाद मोहम्मद रेहान ने बताया कि बलूचिस्तान कभी भी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं था और न कभी होगा। उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की कड़ी आलोचना कर बलूच जनता के संसाधनों की लूट बताया। ऑपरेशन बाम क्या है? बलूच नेशनल मूवमेंट द्वारा शुरू किया गया ऑपरेशन बाम (जिसका अर्थ है सुबह), बलूच क्षेत्र में कथित सैन्य अत्याचार और जबरन गुमशुदगियों के खिलाफ एक संगठित प्रतिरोध अभियान है। इसके तहत पंजगुर, सुरब, केच और खारन जिलों में घातक हमले किए गए। बलूच लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने अभियान को रणनीतिक बदलाव बताकर स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य क्षेत्र से पाकिस्तानी सैन्य व खुफिया उपस्थिति को खत्म करना है। बलूचिस्तान में अलगाववादी आंदोलन वर्षों से जारी है, लेकिन अब वह संगठित और डिजिटल तौर पर अधिक मुखर हो गया है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बलूच नेता पाकिस्तान पर मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोप लगाते रहे हैं। सीपीईसी परियोजना, जो बलूचिस्तान से होकर गुजरती है, बलूच अलगाववादियों के गुस्से का केंद्र बन चुकी है। वे इस पूरी परियोजना को चीन और पाकिस्तान द्वारा उनके भू-भाग और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन की साजिश मानते हैं। आशीष दुबे / 14 जुलाई 2025