मुंबई, (ईएमएस)। महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि विधानमंडल के अगले सत्र में धर्मांतरण विरोधी कानून लाया जाएगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून का अध्ययन करने के लिए पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। इस समिति की रिपोर्ट में आए सुझावों पर विचार करने के बाद, धर्मांतरण विरोधी कानून को अगले सत्र में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा, गृह राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर ने विधान परिषद में यह जानकारी दी। दरअसल उमा खापरे ने पुणे जिले के दौंड तालुका के केडगाँव स्थित पंडिता रमाबाई मुक्ति मिशन के अनाथालय में लड़कियों और महिलाओं के धर्मांतरण को लेकर एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया था। इसका जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री ने यह जानकारी सदन में दी। इस महत्वपूर्ण चर्चा में प्रवीण दरेकर, मनीषा कायंदे और सदाभाऊ खोत ने भाग लिया। उनका जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री पंकज भोयर ने स्पष्ट किया कि अगले सत्र में धर्मांतरण विरोधी कानून लाया जाएगा। उन्होंने केडगाँव की घटना का भी ज़िक्र किया। यहाँ अनाथालय में लड़कियों के धर्म परिवर्तन, उनके साथ मारपीट, उनसे सार्वजनिक शौचालय साफ़ करवाने, जाति के आधार पर दुर्व्यवहार की शिकायतें मिली थीं। इसी के तहत 8 दिसंबर, 2023 को मामला दर्ज किया गया था। इस संस्था में चल रही अनियमितताओं और अवैध गतिविधियों के संबंध में पुलिस उपाधीक्षक स्तर की एक महिला पुलिस अधिकारी को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस संबंध में आगे की जाँच जारी है और एक महीने में जाँच रिपोर्ट मिल जाएगी। गृह राज्य मंत्री ने सदन को यह भी बताया कि तदनुसार, संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई के लिए सूचित किया जाएगा। संजय/संतोष झा- १५ जुलाई/२०२५/ईएमएस