रायपुर(ईएमएस)। खुद को GST विभाग का अधिकारी बताकर वर्षों से लाइजनिंग नेटवर्क संचालित करने वाले अनिल गुप्ता की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। CBI ने उसे विशेष अदालत में पेश कर तीन दिन की अतिरिक्त रिमांड हासिल कर ली है। अब 17 जुलाई तक अनिल गुप्ता CBI की हिरासत में रहेगा। सूत्रों के अनुसार, CBI की सात सदस्यीय टीम अनिल गुप्ता से टैक्स चोरी से जुड़े मामलों में गहन पूछताछ कर रही है। एजेंसी को आशंका है कि पूछताछ के दौरान कई प्रभावशाली उद्योगपतियों, व्यापारिक समूहों और प्रशासनिक अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं, जिन्होंने गुप्ता के नेटवर्क का उपयोग कर टैक्स से जुड़े मामलों को प्रभावित किया। जानकारी के मुताबिक, अनिल गुप्ता लंबे समय से खुद को GST अधिकारी या मिश्रा जी के नाम से पेश कर विभिन्न व्यापारिक और प्रशासनिक हलकों में सक्रिय था। वह GST विभाग के अधिकारियों और कारोबारियों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए लाइजनिंग करता था। आरोप है कि वह छापों की सूचना पहले ही पहुंचा देता, कार्रवाई को नियंत्रित करता, जब्त माल छुड़वाने में सहायता करता और बड़े कारोबारी प्रतिष्ठानों पर छापे न पड़ें, इसके लिए बड़ी रकम वसूलता था। CBI को मिले साक्ष्यों में अनिल गुप्ता के मोबाइल से कई वरिष्ठ अधिकारियों और व्यवसायियों के कॉल रिकॉर्ड, चैट और दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिन्हें जांच में शामिल किया गया है। एजेंसी फिलहाल 47 से अधिक बिंदुओं पर पूछताछ कर रही है, जिनमें प्रमुख रूप से यह जानने की कोशिश की जा रही है कि: गुप्ता कितने वर्षों से इस नेटवर्क को चला रहा था, किन अधिकारियों और कारोबारियों से उसका सीधा संपर्क था, किन मामलों में उसने अवैध मध्यस्थता की, और किस स्तर तक लेन-देन की प्रक्रिया पहुंचती थी। CBI अब बरामद कॉल रिकॉर्डिंग में दर्ज आवाज़ों का फॉरेंसिक विश्लेषण करवा रही है, ताकि बातचीत में शामिल व्यक्तियों की पहचान पुख्ता की जा सके। इसके साथ ही, एजेंसी कुछ गोपनीय संपर्क सूत्रों और संभावित सह-आरोपियों पर भी नजर रखे हुए है। सूत्रों का यह भी कहना है कि आने वाले दिनों में कई प्रमुख उद्योगपतियों और विभागीय अधिकारियों को पूछताछ के लिए समन भेजा जा सकता है। अनिल गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के कई व्यापारिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल मच गई है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)15 जुलाई 2025