16-Jul-2025
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लंदन (ईएमएस)। चीन और भारत जैसे एशियाई देशों में महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले कम है वहीं कुछ देश ऐसे भी हैं जहां महिलाओं की संख्या पुरुषों से कहीं ज्यादा है। ऐसा ही एक देश है डिजिबूती। यहां कुल जनसंख्या में करीब 55 फीसदी महिलाएं हैं और हर पुरुष पर लगभग दो महिलाओं का अनुपात है। इसकी बड़ी वजह यह है कि वहां के पुरुष काम की तलाश में खाड़ी देशों में चले जाते हैं, जिससे देश में जेंडर गैप बढ़ता जाता है। इसी तरह हॉन्ग कॉन्ग में भी महिलाओं की संख्या ज्यादा है। यहां लिंग अनुपात 1.16 है। वजह यह है कि यहां घरेलू कामकाज करने वाली ज्यादातर महिलाएं हैं और महिलाएं पुरुषों से ज्यादा लंबी उम्र भी जीती हैं। लिथुआनिया में भी तस्वीर कुछ ऐसी ही है। यहां महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है, खासकर बुजुर्ग आबादी में। इसका कारण पुरुषों में ज्यादा बीमारियां और अपेक्षाकृत कम उम्र तक जीवित रहना है। बहमास में भी महिलाओं की संख्या अधिक है। यह देश भले छोटा है लेकिन यहां भी महिलाओं की औसत उम्र पुरुषों से ज्यादा है। रूस भी इस सूची में अहम स्थान रखता है। यहां लगभग हर आयु वर्ग में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। पुरुषों में नशे की लत, स्वास्थ्य समस्याएं और ऐतिहासिक युद्धों में जान गंवाना बड़ी वजहें हैं। यही नहीं, रूस की महिलाएं अपनी खूबसूरती के लिए भी जानी जाती हैं और एशियाई देशों में काफी लोकप्रिय हैं। यूक्रेन भी इसी तरह की समस्या से जूझ रहा है। वहां प्रति 100 महिलाओं पर सिर्फ 87 पुरुष हैं यानी कुल आबादी में 53 फीसदी महिलाएं हैं। बेलारूस में भी हालात लगभग ऐसे ही हैं। खासकर शहरों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है, क्योंकि पुरुषों की औसत उम्र कम और स्वास्थ्य समस्याएं अधिक हैं। लातविया और अंगुइला में भी जेंडर अनुपात असंतुलित है। लातविया में पुरुषों की कम उम्र और बीमारियां वजह हैं, जबकि अंगुइला में पुरुषों का बड़े पैमाने पर विदेश पलायन इसका कारण है। पुअर्टो रिको और मोल्दोवा में भी पुरुषों के काम की तलाश में अमेरिका या यूरोप जाने से महिलाओं का अनुपात ज्यादा हो गया है। इन दोनों देशों में जेंडर अनुपात लगभग 1.12 है। इस तरह दुनिया के कई देश ऐसे हैं जहां महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है और यह असंतुलन सामाजिक और आर्थिक कारणों से पैदा हुआ है। मालूम हो कि दुनिया के कई देशों में जनसंख्या असंतुलन की समस्या गंभीर है। खासकर चीन और भारत जैसे एशियाई देशों में महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले कम है, जिससे कई बार शादी के लिए दूसरे देशों में दुल्हनें ढूंढनी पड़ती हैं। सुदामा/ईएमएस 16 जुलाई 2025