ज़रा हटके
21-Jul-2025
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न्यूयार्क (ईएमएस)। दिल की बीमारी से परेशान मरीजों के लिए वैज्ञानिकों ने एक बडी खुशखबरी दी है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल विकसित किया है, जो बेहद कम लागत वाले ईसीजी डेटा के आधार पर दिल की गंभीर और छिपी हुई बीमारियों की पहचान कर सकता है। इस टूल का नाम ‘इकोनेक्स्ट’ रखा गया है और यह कार्डियोलॉजिस्ट यानी हृदय रोग विशेषज्ञों से भी ज्यादा सटीक तरीके से बीमारी पकड़ने की क्षमता रखता है। दुनियाभर में लाखों लोग दिल की बीमारियों से ग्रस्त होते हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर को समय रहते बीमारी का पता नहीं चल पाता, क्योंकि जांच महंगी होती है या जरूरी तकनीक उपलब्ध नहीं होती। इसी चुनौती को देखते हुए कोलंबिया यूनिवर्सिटी की एक टीम ने यह खास टूल तैयार किया है। यह टूल एक आम ईसीजी से ही यह तय कर सकता है कि मरीज को अल्ट्रासाउंड यानी इकोकार्डियोग्राफी की जरूरत है या नहीं। इससे उन मरीजों को फायदा मिलेगा, जिन्हें समय पर जांच नहीं मिल पाती। एक अध्ययन के मुताबिक, इकोनेक्स्ट उन बीमारियों की पहचान कर सकता है जिन्हें डॉक्टर सामान्य ईसीजी रिपोर्ट देखकर नहीं पकड़ पाते। शोध में इस टूल को करीब 2.3 लाख मरीजों के 12 लाख से ज्यादा ईसीजी और इकोकार्डियोग्राम डेटा के साथ जांचा गया। परिणामों में पाया गया कि इकोनेक्स्ट दिल की बनावट से जुड़ी कई बीमारियों जैसे हार्ट फेल्योर, वॉल्व की खराबी और फेफड़ों में ब्लड प्रेशर की समस्या को सफलतापूर्वक पकड़ सकता है। खास बात यह रही कि 3,200 ईसीजी रिपोर्ट्स की तुलना में इकोनेक्स्ट ने 77 प्रतिशत मामलों में बीमारियों की सटीक पहचान की, जो 13 अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट से भी बेहतर रही। शोधकर्ता प्रोफेसर पियरे एलियास का कहना है कि जैसे कोलोनोस्कोपी और मैमोग्राम कुछ बीमारियों की स्क्रीनिंग के लिए स्टैंडर्ड बन चुके हैं, वैसे ही यह टूल हार्ट डिजीज की जांच में क्रांति ला सकता है। भारत जैसे देशों में जहां महंगे मेडिकल टेस्ट हर किसी की पहुंच में नहीं हैं, ऐसे एआई टूल से दिल की बीमारियों की समय रहते जांच संभव हो सकती है। सुदामा/ईएमएस 21 जुलाई 2025