महाप्रबंधक को सौंपा ज्ञापन, चेताया—नहीं मानी मांगें तो होगा बड़ा आंदोलन गुना (ईएमएस)। स्मार्ट मीटरों की अनियमितताओं और भारी भरकम बिजली बिलों से परेशान होकर गुना जिले के नागरिकों ने मंगलवार को शहर की सडक़ों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। स्थानीय शास्त्री पार्क से शुरू हुई यह महारैली हनुमान चौराहा होते हुए बिजली वितरण कंपनी के कार्यालय तक पहुंची, जहां सैकड़ों की संख्या में उपभोक्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। इस रैली की सबसे खास बात यह रही कि यह किसी राजनीतिक दल के बैनर तले नहीं बल्कि आम जनता की पहल पर आयोजित की गई थी। रैली में महिलाओं, युवाओं, मजदूरों, व्यापारी वर्ग, नौकरीपेशा नागरिकों सहित समाज के सभी वर्गों के लोग शामिल हुए। सभी प्रदर्शनकारी अपने हाथों में विरोध संबंधी तख्तियां और बैनर लिए हुए थे, जिनमें स्मार्ट मीटर हटाओ, लूट बंद करो, पुराने मीटर क्यों बदले? जैसे नारे लिखे थे। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पहले उनके मीटर सही ढंग से काम कर रहे थे, लेकिन अब स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल की कोई सीमा नहीं रह गई है। शहर के लक्ष्मीनगर निवासी अभिषेक सेन का मई माह का बिल 13,500 आया, जबकि गजनई निवासी जितेंद्र रघुवंशी को 2,62,000 और कुलदीप ओझा को 30,195 का बिल थमा दिया गया। ऐसे सैकड़ों उदाहरण शहर और जिले में देखे जा सकते हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि जब वे बिजली कार्यालय जाते हैं तो कोई सुनवाई नहीं होती, बल्कि उन्हें और परेशान किया जाता है। रैली के समापन पर बिजली वितरण कंपनी के कार्यालय में महाप्रबंधक को मुख्यमंत्री मोहन यादव के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में मांग की गई है कि प्रदेशभर में जबरन स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से बंद की जाए। जिन उपभोक्ताओं के यहां यह मीटर लगाए जा चुके हैं, उन्हें हटाकर पूर्व में लगे सही-सलामत मीटरों को पुन: लगाया जाए। ज्ञापन में यह भी सवाल उठाया गया कि जिन मीटरों को उपभोक्ताओं ने 3,500 जमा कराकर ही हाल ही में लगवाया था, उन्हें हटाने का औचित्य क्या है? ज्ञापन में लिखा गया है कि बिजली वितरण का जिम्मा निजी उद्योगपति को सौंपने के बाद अब उपभोक्ताओं के साथ जबरन व्यवहार हो रहा है। आम आदमी जो मजदूरी, छोटा व्यवसाय या नौकरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा है, वह स्मार्ट मीटर के भारी-भरकम बिल कैसे भर सकता है? यह निर्णय गरीब और मध्यम वर्ग की आर्थिक रीढ़ तोड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द ही इस मुद्दे पर सकारात्मक और ठोस निर्णय नहीं लिया तो यह विरोध केवल गुना तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्रदेशव्यापी आंदोलन की शुरुआत होगी। उपभोक्ता संगठन ने स्पष्ट कहा कि यदि स्मार्ट मीटर लगाए जाने की प्रक्रिया नहीं रोकी गई तो उग्र धरना, प्रदर्शन, चक्काजाम और आम बिजली बहिष्कार जैसे कदम उठाए जाएंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। गौरतलब है कि गुना सहित प्रदेश में लाखों की संख्या में उपभोक्ता अब स्मार्ट मीटरों से त्रस्त हैं। तकनीकी गड़बड़ी, पारदर्शिता की कमी और बिलिंग में गड़बड़ी की लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। -सीताराम नाटानी (ईएमएस)