राष्ट्रीय
26-Jul-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। देश में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जानकारी दी है कि अब तक 30 वर्ष या उससे अधिक उम्र की 10.18 करोड़ महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर के लिए जांच पूरी की जा चुकी है। यह काम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से किया गया है। यह पहल गैर-संचारी रोगों की समय पर पहचान, रोकथाम और प्रबंधन के उद्देश्य से शुरू की गई थी। यह जांच 30 से 65 वर्ष की महिलाओं को लक्षित करती है, जिसमें मुख्य रूप से “विजुअल इंस्पेक्शन विथ एसीटिक एसिड” तकनीक का उपयोग किया जाता है। यह जांच प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा सब-हेल्थ सेंटर और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में की जाती है। विजुअल इंस्पेक्शन विथ एसीटिक एसिड पॉजिटिव पाए गए मामलों को आगे की जांच के लिए उच्च केंद्रों पर भेजा जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता इस कार्यक्रम की रीढ़ हैं। वे ‘कम्युनिटी बेस्ड असेसमेंट चेकलिस्ट’ का उपयोग कर जोखिम वाले लोगों की पहचान करती हैं और उन्हें नियमित जांच के लिए प्रेरित करती हैं। इसके साथ ही वे महिलाओं को समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए जागरूक भी करती हैं। स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न संचार अभियानों और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है, जैसे कि राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस और विश्व कैंसर दिवस। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को लगातार जानकारी दी जाती है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके कार्यक्रम क्रियान्वयन योजनाओं के अनुसार जागरूकता गतिविधियों के लिए विशेष फंड भी प्रदान किए जाते हैं। मंत्रालय ने 20 फरवरी से 31 मार्च 2025 तक एक समयबद्ध एनसीडी जांच अभियान भी चलाया था, जिससे स्क्रीनिंग की गति तेज हुई और इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण योगदान मिला। राष्ट्रीय एनसीडी पोर्टल के अनुसार 20 जुलाई 2025 तक देश की कुल 25.42 करोड़ पात्र महिलाओं में से 10.18 करोड़ महिलाओं की जांच हो चुकी है। यह आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से सरकार की व्यापक और रोकथाम आधारित स्वास्थ्य सेवा के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी। सुबोध\२६\०७\२०२५