26-Jul-2025
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इंदौर (ईएमएस)। नरसिंह वाटिका पर चल रहे चातुर्मासिक अनुष्ठान की धर्मसभा में युवा हृदय सम्राट, जैनाचार्य विश्वरत्न सागर म.सा. ने आज प्रेरक आशीर्वचन देते हुए कहा कि जिनशासन के धर्मग्रंथ जीवन की हर समस्या और विकट से विकट तकलीफों के निवारण हेतु अचूक मंत्रों का खजाना हैं। उन्होंने इन धर्मग्रंथों को एक महासागर बताया, जिसमें गहराई से उतरने पर अनमोल रत्न मिलते हैं। शनिवार को यह धर्मसभा अर्बुद गिरिराज जैन श्वेताम्बर तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट पीपली बाजार, जैन श्वेताम्बर मालवा महासंघ और नवरत्न परिवार इंदौर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी। मुनि प्रवर उत्तमरत्न सागर म.सा. और गणिवर्य कीर्तिरत्न सागर म.सा. ने भी धर्मसभा को संबोधित किया। प्रारंभ में चातुर्मास संयोजक पुण्यपाल सुराना, कैलाश नाहर, ललित सी. जैन, दिलसुखराज कटारिया, मनीष सुराना, प्रीतेश ओस्तवाल, दिलीप मंडोवरा और दीपक सुराना ने सभी समाजबंधुओं का स्वागत किया। लाभार्थी परिवार का बहुमान शैलेन्द्र नाहर, अंकित मारू, रीतिश आशीष जैन, मोनिश खूबाजी और ऋषभ कोचर द्वारा किया गया। विश्वरत्न सागर म.सा. ने अपने आशीर्वचन में तपस्वी साधु-साध्वी भगवंतों के त्याग और संयम की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही बड़ी से बड़ी समस्याओं के समाधान मंत्रों के माध्यम से धर्मग्रंथों में लिपिबद्ध किए गए। उन्होंने जोर दिया कि इन धर्मग्रंथों को नष्ट करने के कई प्रयास हुए, लेकिन साधकों के पुरुषार्थ से वे आज भी धरोहर के रूप में मौजूद हैं और पीड़ित मानवता का मार्गदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, जीवन में हर दिन सब कुछ मिल सकता है, पर सब कुछ देकर भी एक दिन नहीं मिल सकता। यह संदेश देते हुए उन्होंने समाज को उन साधु-साध्वी भगवंतों के प्रति कृतज्ञ होने का आह्वान किया। नरसिंह वाटिका पर चल रहे चातुर्मासिक अनुष्ठान में रविवार, 27 जुलाई को सुबह 9 बजे से ‘जिंदगी को एक मौका और दें’ जैसा प्रेरक आयोजन भी होगा। प्रकाश/26 जुलाई 2025