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28-Jul-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो और अमेरिका की नासा ने बड़ा कदम उठाया है। दोनों देशों की स्‍पेस एजेंसियों ने साथ मिलकर निसार सैटेलाइट (नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार) डेवलप की है, जिसे 30 जुलाई 2025 को स्‍पेस में स्‍थापित करने की योजना है। निसार सैटेलाइट की सबसे खास बात यह है कि इसकी मदद से धरती के हर इंच पर नजर रखना संभव हो सकेगा। यह सैटेलाइट हर 12 दिन में पूरी पृथ्‍वी को स्‍कैन करेगी। कुछ सेंटीमीटर तक में होने वाले बदलाव को भी कैप्‍चर किया जा सकेगा। हालांकि, इसका उद्देश्‍य बाढ़, ग्‍लेशियर, कोस्‍टल इरोजन (तटीय क्षेत्रों में होने वाला कटाव) जैसी प्राकृतिक घटनाओं पर नजर रखना और उसकी पूर्व जानकारी देना है, पर इससे दुश्‍मन देशों की गतिविधियों पर भी पैनी नजर रखा जा सकेगा। ऐसे में चीन और पाकिस्‍तान जैसे देशों की चालबाजियों को पकड़ना काफी आसान हो जाएगा। निसार से प्राप्त डाटा का उपयोग बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं की पूर्व चेतावनी, समुद्री तटों के क्षरण यानी इरोजन, तेल रिसाव की पहचान, फसल पूर्वानुमान, जलवायु परिवर्तन विश्लेषण, वनों के मूल्यांकन और यहां तक कि जहाजों की निगरानी जैसे कार्यों में होगा। नासा के अनुसार यह अब तक का सबसे उन्नत पृथ्वी-अवलोकन मिशन होगा। निसार का प्रक्षेपण उस ऐतिहासिक साझेदारी की याद दिलाता है। इस मिशन से प्राप्त डाटा को दुनिया भर के भूवैज्ञानिकों, मौसम वैज्ञानिकों, कृषि विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों के लिए मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। नासा के वैज्ञानिक पॉल रोसेन के मुताबिक निसार धरती की बदलती सतह की कहानी कहेगा। जैसे किसी फिल्म की हर फ्रेम में समय के साथ बदलाव देखा जा सके। इस मिशन के ज़रिए भारत न सिर्फ वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय में अपनी भूमिका को और मजबूत कर रहा है, बल्कि यह दुनिया को दिखा रहा है कि स्‍पेस टेक्‍नोलॉजी सहयोग से कैसे वैश्विक समस्याओं का समाधान संभव है। इसरो और नासा के पहले साझा उपग्रह एनआईएसएआर(निसार) यानी नासा-इसरो सिंथेटिक अपार्चर रडार को बुधवार 30 जुलाई को लॉन्च किया जाएगा। यह मिशन न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि इसके ज़रिए वैश्विक आपदाओं से लेकर खेती और पर्यावरण तक कई अहम क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव आने की उम्मीद है। निसार हर 12 दिन में पूरी धरती की सतह को स्कैन करेगा और मिलीमीटर स्तर तक के बदलावों को पकड़ सकेगा। इसका हर पिक्सल लगभग एक टेनिस कोर्ट के आधे आकार के क्षेत्र को रिप्रेजेंट करेगा। यह उपग्रह हिमालय, अमेज़न, कैलिफोर्निया के समुद्री तटों से लेकर पंजाब के खेतों तक की लगातार निगरानी करेगा। वीरेंद्र/ईएमएस/28जुलाई2025