दुर्ग(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 650 करोड़ रुपये से अधिक के छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) घोटाले की जांच में बुधवार को बड़ा कदम उठाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने दुर्ग जिले में स्थित मोक्षित कॉर्पोरेशन के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई घोटाले में मोक्षित कॉर्पोरेशन की संदिग्ध भूमिका के मद्देनज़र की गई। सूत्रों के अनुसार, ईडी की टीम ने दुर्ग स्थित तीन आवासीय परिसरों और कार्यालयों को एक साथ निशाना बनाते हुए छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया। कार्रवाई के दौरान दो दर्जन से अधिक अधिकारी मौजूद रहे, जिनके साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान भी भारी संख्या में तैनात थे। सुरक्षा के लिहाज से पूरे परिसर को चारों ओर से घेर लिया गया और आम लोगों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि ईडी की टीम करीब एक दर्जन वाहनों के काफिले के साथ पहुंची और पहुंचते ही दस्तावेजों की गहन जांच शुरू कर दी। छापे की खबर फैलते ही इलाके में हड़कंप मच गया और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी घटनास्थल के आसपास जुट गए। हालांकि, अब तक इस छापेमारी में मिली बरामदगी को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। माना जा रहा है कि जांच पूरी होने के बाद एजेंसियां विस्तृत बयान जारी करेंगी। गौरतलब है कि मोक्षित कॉर्पोरेशन का नाम सीजीएमएससी घोटाले में पहले भी सामने आ चुका है। लगभग छह महीने पहले आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने इस घोटाले में संयुक्त रूप से छापेमारी की थी। इसके अलावा, 27 जनवरी 2025 को भी शांतिलाल व शशांक चोपड़ा के गंजपारा स्थित घर व दफ्तर पर ईओडब्ल्यू-एसीबी की टीम द्वारा दस्तावेजों की छानबीन की गई थी। सत्यप्रकाश(ईएमएस)30 जुलाई 2025