लखनऊ (ईएमएस)। यूपी में ऐसे दिव्यांग बच्चे जो स्वयं स्कूल जाने में असमर्थ हैं, उन्हें अब सहायक व्यक्ति के लिए एस्कॉर्ट भत्ता प्रदान किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों को समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 600 रुपये का भत्ता दिया जाएगा। यह सुविधा दृष्टिबाधित, बौद्धिक रूप से अक्षम, सेरेब्रल पाल्सी, जेई-एईएस प्रभावित, और अन्य प्रकार की दिव्यांगता वाले बच्चों को 10 महीने तक मिलेगी। सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, और कंपोजिट स्कूलों में पढ़ने वाले 13,991 गंभीर और बहु-दिव्यांग बच्चों के लिए एस्कॉर्ट भत्ता योजना के तहत 839.46 लाख रुपये की राशि मंजूर की है। इस पहल से दिव्यांग बच्चों को नियमित रूप से स्कूल आने में काफी मदद मिलेगी, और वे अपनी पसंद के अनुसार किसी सहायक का चयन कर सकेंगे। यह योजना 30 सितंबर तक लागू हो जाएगी। इस योजना के तहत 600 रुपये प्रतिमाह की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे बच्चों के खाते में हस्तांतरित की जाएगी। योजना का संचालन प्रेरणा और समर्थ पोर्टल के जरिए होगा, जहां बच्चों की पात्रता की जांच की जाएगी। इसके लिए 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। साथ ही, स्कूल में नियमित उपस्थिति भी इस योजना का लाभ उठाने की मुख्य शर्त होगी। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने बताया कि इस प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए स्कूल से लेकर जिला स्तर तक जवाबदेही तय की गई है। स्कूल के प्रधानाध्यापक पात्र बच्चों की पहचान करेंगे, खंड शिक्षा अधिकारी उनकी पुष्टि करेंगे, और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अंतिम मंजूरी देंगे। इसके बाद पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से आधार और बैंक खाता सत्यापन के बाद भुगतान किया जाएगा। योगी सरकार ने आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग को निर्देश दिया है कि सभी सरकारी वेबसाइटों को दिव्यांगजन के अनुकूल बनाया जाए। साथ ही, स्कूल विलय की प्रक्रिया के दौरान दिव्यांग बच्चों का विस्तृत सर्वेक्षण कर उनकी स्कूल पहुंच सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं की जाएं। सभी प्राथमिक स्कूलों में रैंप बनाए गए हैं, ताकि व्हीलचेयर पर निर्भर बच्चों को भी आसानी हो। जितेन्द्र 30 जुलाई 2025