ज़रा हटके
04-Aug-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार अश्वगंधा तनाव कम करने, ऊर्जा बढ़ाने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में बेहद प्रभावी है। इसका वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्नीफेरा है और यह एक छोटी बारहमासी झाड़ी होती है जिसमें सफेद फूल और नारंगी-लाल फल लगते हैं। इसकी जड़ों से घोड़े जैसी गंध आती है, इसलिए इसका नाम अश्वगंधा पड़ा। यह पौधा भारत के अलावा मध्य पूर्व और अफ्रीका में भी पाया जाता है। आयुर्वेदाचार्यों का मानना है कि अश्वगंधा का नियमित और संतुलित सेवन शारीरिक बल, मानसिक शांति और प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह मधुमेह को नियंत्रित करने, गले की खराश दूर करने, पाचन तंत्र को सुधारने और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। अश्वगंधा चूर्ण को दूध में मिलाकर पीना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। स्वाद के लिए इसमें गुड़ या शहद भी मिलाया जा सकता है। सर्दियों या बदलते मौसम में अश्वगंधा की चाय का सेवन भी लाभ पहुंचाता है। इसके लिए एक कप पानी में आधा चम्मच अश्वगंधा चूर्ण, थोड़ा सा अदरक और तुलसी डालकर उबालें और छानकर पी लें। यह सर्दी-जुकाम से राहत देने के साथ तनाव को भी कम करता है। हालांकि, आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का सुझाव है कि अश्वगंधा का सेवन करने से पहले किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए। क्योंकि इसकी मात्रा और सेवन का तरीका व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और आवश्यकताओं के अनुसार अलग हो सकता है। बदलते मौसम, बढ़ते तनाव और कमजोर होती इम्यूनिटी के इस दौर में अश्वगंधा एक प्राकृतिक और प्रभावशाली उपाय के रूप में सामने आया है, जो आधुनिक जीवनशैली में संतुलन लाने में मदद करता है। सुदामा/ईएमएस 04 अगस्त 2025