ज़रा हटके
04-Aug-2025
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झांसी,(ईएमएस)। देश में न्याय व्यवस्था किस कदर कुछए की चाल से चल रही है। इसका ताजा उदाहरण यूपी के झांसी से सामने आया। यहां डेढ़ सौ रुपए की घड़ी चोरी का मुकदमा 49 साल तक चला। टहरौली स्थित सहकारी समिति में हुई चोरी और गबन के मामले में जुर्म कबूल कर लेने पर कोर्ट ने 49 साल बाद अभियुक्त कन्हैया लाल को दोषी ठहराया। कोर्ट ने कन्हैया लाल को जेल में बिताई अवधि सहित 2000 रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। अभियुक्त ने सुनवाई के दौरान कहा जज साहब वह बहुत वृद्ध व बीमार है। तारीख पर आने-जाने में बहुत परेशानी होती है। अपना जुर्म कबूल करता है। दरअसल बमनुआ गांव में मौजूद एलएसएस सहकारी समिति में ग्वालियर निवासी कन्हैयालाल पुत्र गजाधर चपरासी के पद पर तैनात था। उसके साथ लक्ष्मी प्रसाद व रघुनाथ कर्मचारी थे। साल 1976 में तत्कालीन सचिव बिहारीलाल गौतम ने तीनों के खिलाफ रसीद बुक और 150 रुपए कीमत की घड़ी चोरी की शिकायत की थी। फिर रसीद बुकपर सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर कर उक्त लोगों ने 14472 रुपए वसूल किए। लक्ष्मी प्रसाद ने 3887.40 रुपए की रसीद काट दी। पुलिस ने चोरी व गबन का मामला दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इधर जमानत मिलने पर तीनों छूट गए। लंबी सुनवाई के साथ लक्ष्मी प्रसाद व रघुनाथ की मौत हो गई। जबकि कन्हैयालाल लगातार तारीख पर पहुंच रहा था। 23 दिसंबर 2023 को कन्हैया पर आरोप तय हो गया। लेकिन फैसला नहीं आया। शनिवार कोर्ट में फिर तारीख होने पर कन्हैया लाल कोर्ट पहुंचा और सुनवाई के दौरान न्यायाधीश से कहा कि जज साहब वह बहुत बीमार व वृद्ध है। वह अपना जुर्म स्वीकार करता है, लेकिन एक प्रार्थना है कि उन्हें कम से कम दण्ड दिया जाए। जुर्म कबूलने के बाद मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट मुन्नालाल ने कन्हैया को दोषी करार देकर सभी धाराओं में बिताई गई अवधि की सजा और दो हजार व 500 रुपए के अर्थदंण्ड की सजा सुनाई। जुर्माना भरके कन्हैया घर वापस गया। आशीष दुबे / 04 अगस्त 2025 बेटे ने कथित तौर पर की अपनी माँ की हत्या, वजह सामाजिक प्रतिष्ठा और ताने आगरा,(ईएमएस)। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक बेटे ने कथित तौर पर अपनी माँ की हत्या कर दी। चौंकाने वाली बात यह है कि हत्या की वजह सामाजिक प्रतिष्ठा और ताने हैं। पुलिस ने मामले में बेटे सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि तीन अन्य फरार हैं। यह घटना 28 जुलाई की है, जब यशोदा देवी नामक महिला का शव यमुना पुल पर खून से लथपथ मिला था। शुरुआती जांच में यह एक सड़क दुर्घटना लग रही थी, लेकिन पुलिस की गहन छानबीन और सीसीटीवी फुटेज ने हत्याकांड का राजफाश कर दिया। मृतका के दूसरे पति रामनिवास शर्मा ने 30 जुलाई को यशोदा देवी की पहचान की और हत्या की आशंका जताकर मामला दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में यशोदा देवी अपने पहले पति के बेटे कौशल के साथ बाइक पर जाती दिखीं। पुलिस ने जब कौशल को गिरफ्तार किया, तब चौंकाने वाला खुलासा हुआ। कौशल ने बताया कि उसके पिता संजय शर्मा के जीवित रहते ही उसकी मां ने पड़ोस के गांव के रामनिवास से दूसरी शादी कर ली थी। इस बात से परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हुई और लोगों के ताने सुनने पड़े, इसकारण उसकी अपनी शादी में भी दिक्कतें आ रही थीं। इसी वजह से उसने अपने दोस्त सत्यवीर सिंह के साथ मिलकर अपनी मां की हत्या की साजिश रची। योजना के तहत, 28 जुलाई को कौशल अपनी मां को दवा दिलाने के बहाने इटावा के बलरई ले गया। खंडिया नदी पुल पर उसके साथी पहले से ही कार लेकर मौजूद थे। वहाँ, उन्होंने यशोदा देवी को कार में बैठाया और पुल पर ही गमछे से गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद, उन्होंने शव को सड़क पर फेंक दिया और कई बार कार आगे-पीछे कर कुचल दिया, ताकि यह एक सड़क दुर्घटना लगे। पुलिस ने मामले में कौशल के साथ बॉबी और रजत को गिरफ्तार किया है। हालाँकि, इस जघन्य अपराध में शामिल तीन अन्य आरोपी - सत्यवीर, कबीर और सौरभ अभी भी फरार हैं। आशीष दुबे / 04 अगस्त 2025 इन जरूरी दवाओं की कीमतों में कटौती, मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत जम्मू,(ईएमएस)। आम लोगों को राहत देकर केंद्र की मोदी सरकार ने 35 आवश्यक दवाओं की कीमतों में कटौती की है। केमिकल्स और फर्टिलाइजर्स मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। यह फैसला नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने लिया है, इसका मकसद दवाओं को ज्यादा सस्ता और सुलभ बनाना है। इन दवाओं में दिल, डायबिटीज, सूजन, संक्रमण और मानसिक बीमारियों के इलाज में काम आने वाली प्रमुख दवाएं शामिल हैं। जिन दवाओं को शामिल किया है, उसमें एसिक्लोफेनाक-पैरासिटामोल-ट्रिप्सिन काइमोट्रिप्सिन, एमोक्सिसिलिन-पोटैशियम क्लैवुलेनेट, एटोरवास्टेटिन-क्लोपिडोग्रेल और नई डायबिटीज की दवाएं जैसे एम्पाग्लिफ्लोज़िन, सिटाग्लिप्टिन और मेटफॉर्मिन जैसी कॉम्बिनेशन दवाएं शामिल हैं। नई कीमतें अब 13 से लेकर 31.77 के बीच होंगी। उदाहरण के तौर पर, एटोरवास्टेटिन 40 मिलीग्राम और क्लोपिडोग्रेल 75 मिलीग्राम की संयुक्त दवा अब 25.61 में मिलेगी। बच्चों की दवाएं और विटामिन-डी की ड्रॉप्स जैसे कोलेकैल्सीफेरोल ड्रॉप्स भी इस सूची में शामिल हैं। मोदी सरकार ने खुदरा विक्रेताओं को निर्देश दिया है कि वे नई कीमतों की सूची दुकानों में साफ-साफ जगह पर लगाएं। अगर कोई दुकानदार इन नियमों का उल्लंघन करता है, तब उसके खिलाफ ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (डीपीसीओ), 2013 और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत सख्त कार्रवाई की जा सकती है। आशीष दुबे / 04 अगस्त 2025 ट्रंप की सुरक्षा में चूक, प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र में घुस गया विमान वाशिंगटन,(ईएमएस)। जिस देश के सुरक्षा सिस्टम की मिसालें दी जाती हैं, वहां के राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था में अगर सेंध लग जाएं, तब मामला गंभीर हो जाता है। हालांकि कुछ ऐसा ही हुआ, जब सुपरपावर अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप न्यू जर्सी के बेडमिंस्टर में मौजूद ट्रम्प नेशनल गोल्फ क्लब में गोल्फ खेल रहे थे। गोल्फ क्लब के ऊपर प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र में एक विमान के घुसने के बाद हड़कंप मच गया। रिपोर्ट के मुताबिक दोपहर 12:50 बजे हुई, जब एक पायलट ने उड़ानों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र का उल्लंघन करते हुए प्लेन उड़ाया। नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड के मुताबिक अमेरिकन वायुसेना के जेट विमानों ने एक्शन लेकर प्लेन को बाहर निकालने की कोशिश शुरू कर दी और वे कामयाब भी हुए। हालांकि इस घटना ने राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर बहस फिर शुरू कर दी। रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप तब गोल्फ क्लब में मौजूद थे और शाम तक वे व्हाइट हाउस लौटने की योजना बना रहे थे। तभी आसमान में एक विमान दिखाई दिया। हालांकि ये कोई सैन्य विमान नहीं था बल्कि एक नागरिक विमान था, लेकिन प्रतिबंधित क्षेत्र में आना एक पहेली बना हुआ है। अब तक इस घटना पर व्हाइट हाउस की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। इस घटना के तुरंत बाद नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड एक्शन में आ गई और इस नागरिक विमान को क्षेत्र से बाहर निकालने के लिए फ्लेयर्स का उपयोग किया। फाइटर जेट्स के फ्लेयर्स छोड़ने के बाद पायलट का ध्यान आकर्षित हुआ और नागरिक विमान को प्रतिबंधित इलाके से बाहर किया गया। नावार्ड ने बताया कि दूसरी घटना में भी फ्लेयर्स का उपयोग किया गया, जिसे जमीन पर मौजूद लोगों ने देखा हो सकता है। नावार्ड ने स्पष्ट किया कि फ्लेयर्स का उपयोग बहुत सावधानी से किया जाता है ताकि विमान और जमीन पर मौजूद लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। ये फ्लेयर्स जल्दी जलकर पूरी तरह खत्म हो जाते हैं, जिससे नीचे मौजूद लोगों के लिए कोई खतरा नहीं होता। ऐसा पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना घटी हो। जुलाई में, नाबार्ड ने एक ही दिन में बेडमिंस्टर के ऊपर पांच विमानों को रोका था। इसके अलावा, मार्च में फ्लोरिडा के मार-ए-लागो के पास भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। आशीष दुबे / 04 अगस्त 2025