- रेपो रेट 5.5 फीसदी पर बरकरार, बेहतर इकॉनॉमिक की उम्मीद नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा बुधवार सुबह मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगस्त बैठक के नतीजों का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि रेपो रेट को 5.5 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया गया है। वैश्विक स्तर पर चुनौतियां एवं टैरिफ को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। गवर्नर ने कहा कि फरवरी से अब तक 100 बेसिस प्वाइंट रेट कट हो चुका है। पॉलिसी दरों में कटौती पर ट्रांसमिशन जारी सभी सदस्यों ने न्यूट्रल रुख बरकरार रखा है। अनिश्चितता से दरों में ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला सरकार को बेहतर इकॉनमी की उम्मीद है। एक सर्वे में 60 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि समिति यथास्थिति बनाए रखेगी। वहीं कम से कम 10 उत्तरदाताओं ने 25 आधार अंकों (बीपी) की ब्याज दर में कटौती का अनुमान जताया था। केंद्रीय बैंक इस साल फरवरी से अब तक रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती कर चुका है। इस साल जून की मौद्रिक नीति की बैठक में रेपो दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती की गयी थी। वहीं फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25-0.25 प्रतिशत की कमी की गयी थी। बता दें कि यह वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी द्विमासिक मॉनेटरी पॉलिसी है। इसके साथ ही तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक समाप्त हो गई। यह सोमवार, 4 अगस्त से शुरू हुई थी। ज्यादातर विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि आधार अंकों की कटौती के बाद रेपो दर को अपरिवर्तित रख सकती है। इस साल फरवरी और जून के बीच कुल 100 आधार अंकों की कटौती के साथ रेपो दर वर्तमान में 5.5 प्रतिशत है। रेपो रेट वह ब्याज दर होती है जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक कमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है। यह दर सीधे ग्राहकों के कंज्यूमर को प्रभावित करती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब रेपो रेट बढ़ता है, तो बैंक भी आमतौर पर अपने ऋणों की ब्याज दरें बढ़ा देते हैं। इससे होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन की ईएमआई महंगी हो जाती है। वहीं, यदि रेपो रेट घटती है, तो लोन सस्ते हो सकते हैं, लेकिन इससे सेविंग्स अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिटपर मिलने वाला ब्याज भी कम हो सकता है। जून में रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई थी, जबकि फरवरी और अप्रैल में 25-25 बेसिस पॉइंट की कटौती हुई थी। इससे पहले लगातार 11 बैठकों तक रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। सतीश मोरे/06अगस्त ---