कैलाश मानसरोवर यात्रा रोकी, 413 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया किन्नौर,(ईएमएस)। उत्तरकाशी में तबाही के बाद अब हिमाचल प्रदेश में बुधवार को किन्नौर जिले के तंगलिंग क्षेत्र में भी बादल फट गए और यहां भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। इसका एक भयावह वीडियो सामने आया है जिसमें पहाड़ से चट्टानें और मलबा तेजी से बहते हुए सड़क पर गिरता नजर आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस आपदा का सबसे बड़ा असर कैलाश मानसरोवर यात्रा रूट पर पड़ा है। बाढ़ से दो पुल बह गए और बाकी मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिसके चलते यात्रा को रोक दिया गया है। कई श्रद्धालु मार्ग में फंसे हैं। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की टीम ने जिपलाइन के ज़रिए 413 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। राहत कार्य जारी है। इस दौरान किन्नौर के रिब्बा गांव के पास रालडांग खड्ड में भी बादल फटने की खबर आई है। इसके चलते नेशनल हाईवे-5 पर करीब 150 मीटर तक कीचड़ और बड़े पत्थर जम गए हैं, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। वहीं चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर मंगलवार रात को लैंडस्लाइड हुई, जिससे मार्ग बाधित हुआ है। 500 से ज्यादा सड़कों पर यातायात ठप हो गया है। शिमला, मंडी, सोलन और कुल्लू जिलों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है। बादल फटने की घटनाएं हिमाचल तक सीमित नहीं है। उत्तराखंड के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। कर्णप्रयाग में पहाड़ ढहने से बद्रीनाथ हाईवे अवरुद्ध हो गया है, वहीं हरिद्वार-देहरादून रेल रूट पर चट्टान गिरने से रेल संचालन ठप हो गया है। प्रशासन और आपदा राहत टीमें हालात पर नजर रख रही हैं। कई क्षेत्रों में एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें सक्रिय हैं। लोगों से अपील की गई है कि वह अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। सिराज/ईएमएस 06अगस्त25 ------------------------------------