व्यापार
09-Aug-2025
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सर्वे में 44 फीसदी लोगों ने ई20 फ्यूल का नहीं किया समर्थन नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत सरकार ने पेट्रोल में एथेनॉल मिलाकर ईंधन आयात पर निर्भरता घटाने की दिशा में अहम कदम उठाया है। देशभर के पेट्रोल पंपों पर अब ई20 फ्यूल की बिक्री शुरु हो गई है, जिसमें 20फीसदी इथेनॉल और 80फीसदी पेट्रोल होता है। यह जैविक ईंधन गन्ना या मकई जैसी फसलों से बनता है और इसे पर्यावरण के अनुकूल किफायती विकल्प माना जा रहा है। इस नए ईंधन ने पुराने वाहनों मालिकों की चिंता बढ़ा दी है। एक सर्वे से पता चला है कि अप्रैल 2023 से पहले खरीदे गए वाहनों के मालिकों में से ज्यादातर ने माइलेज में कमी की शिकायत की है। सर्वे में बताया गया है कि 2022 या उससे पहले खरीदी गई कारों के करीब दो-तिहाई मालिकों ने स्वीकार किया कि ई20 फ्यूल के इस्तेमाल से उनके वाहनों की फ्यूल एफिशिएंसी पहले से कम हो गई है। तकरीबन 14 हजार लोगों से बातचीत में 44फीसदी लोगों ने कहा कि वे ई20 फ्यूल का समर्थन नहीं करते हैं, जबकि 22फीसदी लोगों ने कहा कि अगर उन्हें विकल्प मिले, जैसे ई5 या ई10 चुनने का, तो वे समर्थन करेंगे। सर्वे में केवल 12फीसदी लोगों ने ई20 को पूरी तरह समर्थन दिया और बाकी ने कोई राय नहीं दी। माइलेज को लेकर पूछे गए सवाल में 11फीसदी लोगों ने बताया कि उनके वाहन का माइलेज 20फीसदी तक घटा है, जबकि 22फीसदी ने इसे 15-20फीसदी और 11फीसदी ने 10-15फीसदी बताया। कुछ लोगों ने 5-10फीसदी या 2-5फीसदी की गिरावट मानी, जबकि 11फीसदी लोगों ने कोई असर न होने की बात कही है। सरकार ने भी माना है कि इथेनॉल की एनर्जी डेंसिटी कम होने के कारण माइलेज में मामूली गिरावट आ सकती है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मुताबिक ई10 के लिए डिज़ाइन और ई20 के लिए कैलिब्रेट किए गए वाहनों में माइलेज 1-2फीसदी तक घट सकता है, जबकि पुराने वाहनों में यह गिरावट 3-6फीसदी तक हो सकती है। साथ ही कुछ पुराने वाहनों में रबर पुर्जों या गैस्केट्स को 20 से 30 हजार किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बदलने की जरूरत हो सकती है, लेकिन यह खर्च मामूली होता है और सामान्य सर्विसिंग में निपटाया जा सकता है। नई गाड़ियों के लिए कंपनियां ई20 कम्प्लायंट इंजन दे रही हैं और फ्यूल कैप, टैंक या विंडशील्ड पर स्टिकर भी लगा रही हैं जिससे ग्राहक पहचान सकें कि उनका वाहन उपयुक्त है या नहीं। वाहन मालिक ओनर्स मैनुअल, वाहन के विन नंबर या कंपनी के कस्टमर केयर से यह जानकारी ले सकते हैं। सरकार ने 2023 से ई20 फ्यूल को चरणबद्ध तरीके से लागू किया है, ऐसे में नई गाड़ियां इस फ्यूल के अनुकूल बन रहीं हैं, लेकिन पुराने वाहन मालिकों के लिए यह बदलाव चिंता का विषय है। सिराज/ईएमएस 09 अगस्त 2025