09-Aug-2025
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वॉशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में दशकों पुराने दुश्मन आर्मेनिया और अज़रबैजान ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। व्हाइट हाउस में आयोजित इस समारोह में अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान ने हाथ मिलाकर युद्ध खत्म करने और कूटनीतिक व आर्थिक सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस मौके पर कहा, 35 साल तक लड़ते रहे, अब दोस्त हैं… और लंबे समय तक दोस्त बने रहेंगे। समझौते का उद्देश्य नागोर्नो-काराबाख विवाद को हमेशा के लिए समाप्त करना और दक्षिण काकेशस में स्थायी शांति स्थापित करना है। इसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने और राजनयिक संबंध बहाल करने पर सहमति दी है। समझौते के तहत अमेरिका को एक रणनीतिक पारगमन गलियारे के विकास का विशेष अधिकार भी मिला है, जिससे ऊर्जा और अन्य संसाधनों के निर्यात में वृद्धि होगी। विश्लेषकों का मानना है कि इस पहल से रूस के प्रभाव क्षेत्र में खलबली मच सकती है। दोनों नेताओं ने ट्रंप की सराहना करते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने की घोषणा की। अलीयेव ने कहा, अगर राष्ट्रपति ट्रंप को नहीं, तो नोबेल शांति पुरस्कार किसे मिलना चाहिए? व्हाइट हाउस के अनुसार, ट्रंप प्रशासन इससे पहले कंबोडिया-थाईलैंड, रवांडा-कांगो और पाकिस्तान-भारत के बीच भी शांति वार्ता करवा चुका है, हालांकि भारत ने उनके दावों को खारिज किया है। ट्रंप अब अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत एक वैश्विक शांतिदूत की छवि के साथ करना चाहते हैं, हालांकि वे अभी तक रूस-यूक्रेन और इज़रायल-हमास संघर्ष को समाप्त नहीं करा पाए हैं। हिदायत/ईएमएस 09अगस्त25