ज़रा हटके
11-Aug-2025
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फ्लोरिडा (ईएमएस)। अमेरिका की फ्लोरिडा में रहने वाली 24 वर्षीय समांथा स्टैब को एक असामान्य न्यूरोलॉजिकल बीमारी जनरलाइज्ड डीवायटी1 डिस्टोनिया ने इस कदर जकड़ लिया कि उन्हें फिर से चलना, बोलना और यहां तक कि खड़े होकर ब्रश करना भी दोबारा सीखना पड़ा। यह एक आनुवंशिक रोग है जिसमें शरीर की मांसपेशियां अनियंत्रित रूप से मरोड़ खाती हैं और धीरे-धीरे पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं। समांथा को यह बीमारी महज 7 साल की उम्र में हुई, जब उनका बायां पैर प्रभावित हुआ और वह अचानक चलने में असमर्थ हो गईं। फिर एक-एक करके उनके हाथ और अन्य अंग भी इस बीमारी की चपेट में आ गए। 9 साल की उम्र में उनके दिमाग में डीप ब्रेन स्टिमुलेशन सर्जरी की गई, जिसमें इलेक्ट्रोड लगाए गए जो एक बैटरी से जुड़े थे। यह बैटरी उनके पेट में लगाई गई थी, जो मांसपेशियों और बोलने की क्षमता को इलेक्ट्रिक सिग्नल के ज़रिए नियंत्रित करती है। समांथा का चलना असामान्य है और अक्सर लोग उन्हें देखकर नशे में समझ बैठते हैं। बार-बार उन्हें यह समझाना पड़ता है कि वो बीमार हैं, नशे में नहीं। हाल ही में उनकी सर्जरी फिर से की गई, जिसमें पुराने वायर और बैटरी को हटाकर नई जगह पर फिट किया गया ताकि दिमाग को बीमारी से और बेहतर ढंग से निपटने में मदद मिल सके। इस सर्जरी के बाद उनकी हालत फिर बिगड़ी वह बोल नहीं पा रही थीं, चल नहीं पा रही थीं और सामान्य काम भी नहीं कर पा रही थीं। लेकिन समांथा ने हार नहीं मानी। फिजिकल थेरेपी, जिम और नियमित एक्सरसाइज के जरिए उन्होंने फिर से चलना शुरू किया। वह अब पहले से बेहतर चलती हैं, उनका शरीर मजबूत हो रहा है और दिमाग धीरे-धीरे फिर से शरीर के अंगों से तालमेल बैठाना सीख रहा है। हफ्ते में तीन बार थेरेपी, जिम, हॉट पिलाटे्स और मांसपेशियों को सक्रिय रखने वाली कक्षाएं उनकी दिनचर्या का हिस्सा हैं। समांथा जानती हैं कि यह बीमारी पूरी तरह ठीक नहीं हो सकती, लेकिन अब वह महसूस कर सकती हैं कि “सीधा खड़ा होना कैसा लगता है”। यह जज्बा ही उन्हें एक मिसाल बनाता है। मालूम हो कि इंसानी शरीर जितना जटिल है, उतना ही रहस्यमय भी है। कभी-कभी ऐसी दुर्लभ बीमारियां सामने आती हैं जो पूरी ज़िंदगी को उलट-पुलट कर देती हैं। सुदामा/ईएमएस 11 अगस्त 2025