लंदन (ईएमएस)। जो लोग कम प्रोसेस्ड यानी मिनिमली प्रोसेस्ड फूड खाते हैं, उनका वजन उन लोगों की तुलना में दोगुनी तेजी से घटता है जो अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड पर निर्भर रहते हैं। यह खुलासा हुआ है यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) की एक रिसर्च में। यूसीएल सेंटर फॉर ओबेसिटी रिसर्च के प्रमुख लेखक डॉ. सैमुअल डिकेन ने बताया कि इस रिसर्च का उद्देश्य यह पता लगाना था कि डाइट का वजन पर क्या असर पड़ता है। शोध में 55 वयस्कों को दो अलग-अलग ग्रुप्स में बांटा गया। एक ग्रुप को मिनिमली प्रोसेस्ड फूड (एमपीएफ) दिया गया जैसे ओवरनाइट ओट्स या घर में बना स्पेगेटी बोलोनेज, जबकि दूसरे ग्रुप को अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (यूपीएफ) डाइट दी गई। दोनों ग्रुप्स को आठ हफ्ते तक फॉलो किया गया और पाया गया कि दोनों डाइट्स से वजन में कमी आई। हालांकि, एमपीएफ ग्रुप का वजन औसतन 2.06 प्रतिशत तक घटा, जबकि यूपीएफ ग्रुप का वजन सिर्फ 1.05 प्रतिशत ही कम हुआ। इससे यह साफ हो गया कि भले ही दोनों तरह के खाने में पोषण संतुलित हो, लेकिन प्रोसेसिंग का स्तर वजन घटाने की रफ्तार को काफी प्रभावित करता है। यूसीएल के संक्रमण एवं प्रतिरक्षा विभाग के प्रोफेसर क्रिस वैन टुल्लेकेन ने भी इस निष्कर्ष की पुष्टि करते हुए कहा कि मोटापा केवल व्यक्ति की गलती नहीं है, बल्कि हमारी खाने-पीने की आदतों और सामाजिक वातावरण का भी इसमें बड़ा योगदान है। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड हमारे आसपास बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं और अनजाने में ये हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। इस शोध से एक महत्वपूर्ण संदेश निकलता है अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो अपने आहार में ताजे, कम प्रोसेस्ड और घर के बने भोजन को प्राथमिकता दें। केवल कैलोरी गिनने से नहीं, बल्कि खाने की गुणवत्ता और प्रोसेसिंग के स्तर को समझने से ही असली बदलाव संभव है। एक्सपटर्स की माने तो अगर आप वजन कम करना चाहते हैं और एक हेल्दी लाइफस्टाइल की ओर बढ़ना चाहते हैं, तो सबसे पहला कदम है अपने खाने की क्वॉलिटी पर ध्यान देना। सुदामा/ईएमएस 12 अगस्त 2025