बीजिंग (ईएमएस)। चीन की नई सुपरफास्ट मैग्लेव ट्रेन 600 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा रफ्तार से दौड़ सकती है। हैरान करने वाली बात यह है कि अब यह ट्रेन पूरी तरह शांत और आरामदेह सफर का वादा करती है। ट्रेन की सबसे खास तकनीक है ‘शॉकवेव किलर सिस्टम’, जो सुरंग में घुसते समय होने वाले धमाके जैसी तेज आवाज को रोकने में सक्षम है। मैग्लेव तकनीक की खासियत यह है कि इसमें ट्रेन ट्रैक को छूती नहीं है, बल्कि चुंबकीय बल से हवा में तैरती हुई चलती है, जिससे घर्षण नहीं होता और रफ्तार कई गुना बढ़ जाती है, लेकिन जब कोई तेज रफ्तार ट्रेन सुरंग में प्रवेश करती है, तो हवा दबती है और एक विस्फोट जैसी आवाज होती है, जिसे ‘टनल बूम’ कहा जाता है। यह आवाज आसपास की इमारतों, इंसानों और जानवरों पर भी बुरा असर डालती है। पारंपरिक ट्रेनों में यह असर आमतौर पर 6 किलोमीटर लंबी सुरंगों में होता है, लेकिन मैग्लेव की रफ्तार इतनी तेज है कि केवल 2 किलोमीटर की सुरंग में भी टनल बूम हो सकता है। इस समस्या का समाधान ढूंढते हुए चीनी वैज्ञानिकों ने सुरंग के मुहाने पर खास तरह के 100 मीटर लंबे ‘साउंडप्रूफ बफर’ लगाए हैं। यह बफर हवा को धीरे-धीरे बाहर निकालने का रास्ता देते हैं, जिससे ट्रेन के प्रवेश से पहले ही दबाव कम हो जाता है और टनल बूम नहीं बनता। यह बिल्कुल वैसा ही काम करता है जैसे बंदूक में साइलेंसर जिससे गोली चलने की आवाज दब जाती है। इस तकनीक के कारण अब सफर और भी ज्यादा शांत और स्मूद हो गया है। यात्रियों के मुताबिक ट्रेन में किसी तरह का मशीनी शोर सुनाई नहीं देता, सिर्फ एक हल्की चुंबकीय गूंज महसूस होती है। पहले 2004 में चीन ने शंघाई एयरपोर्ट और शहर के बीच मैग्लेव ट्रेन शुरू की थी, जिसकी स्पीड 460 किमी/घंटा थी। लेकिन 2021 में लॉन्च की गई नई जनरेशन की मैग्लेव ट्रेन इससे कहीं ज्यादा तेज और उन्नत है। अब उम्मीद है कि बीजिंग से शंघाई के बीच नई मैग्लेव लाइन बिछाई जाएगी। इस पर सफर करने में महज 2.5 घंटे लगेंगे, जो अभी की तुलना में लगभग आधा है। इतना ही नहीं, यह सफर एक घरेलू फ्लाइट जितना तेज होगा, लेकिन किराया आधा और प्रदूषण भी बेहद कम। यही वजह है कि यह तकनीक भविष्य की यात्रा का नया मापदंड बनती जा रही है। चीन के अलावा जापान भी पीछे नहीं है। वहां टोक्यो से ओसाका तक ‘चुओ शिंकानसेन’ नामक मैग्लेव लाइन पर काम चल रहा है, जिसकी रफ्तार 505 किमी/घंटा होगी। हालांकि यह प्रोजेक्ट देरी का शिकार है। सुदामा/ईएमएस 13 अगस्त 2025