खेल
13-Aug-2025
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जमैका (ईएमएस)। वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड इस बात से चिंतित है कि अगर आईसीसी ने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्लयूटीसी) के लिए दो स्तरीय प्रणाली अपनायी तो वह शीर्ष टीमों से बाहर हो जाएगी। इसका कारण है कि अभी तक डब्लयूटीसी के तीनों संस्करणों में वेस्टइंडीज की टीम आठवें स्थान पर रही है और इस बार भी उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीनों टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा है जिससे वह काफी पीछे हो गयी है। क्रिकेट वेस्टइंडीज के मुख्य कार्यकारी क्रिस डेहरिंग ने कहा है कि हितधारककों ने भी इस बारे में अपनी बात रखी है। इस बारे में हुई बैठक के बाद डेहरिंग ने कहा, ‘ हमें इस बारे में भूमिका अदा करनी होगी, हमें आईसीसी के सामने अपनी बात रखनी होगी। हमें उन तमाम बदलावों को लेकर अधिक सावधान रहना होगा और वेस्टइंडीज क्रिकेट के रूप में हमें यह तय करना होगा कि हम दो स्तरीय प्रणाली का सख्त विरोध करें। इससे पहले आईसीसी ने न्यूजीलैंड के पूर्व बल्लेबाज रोजर टूज के नेतृत्व में एक कार्यसमूह (वर्किंग ग्रुप) का गठन किया था जिसका लक्ष्य 2025-2027 के चक्र से पहले डब्ल्यूटीसी में सुधार सहित अन्य मुद्दों पर विचार करना था। जुलाई में आयोजित आईसीसी की वार्षिक बैठक में दो स्तरीय प्रणाली लागू करने का मामला सबसे अहम पहलू था। वहीं आईसीसी बोर्ड में न्यूजीलैंड क्रिकेट के प्रतिनिधि टूज के बोर्ड को सुझाव देने की उम्मीदें हैं। दो स्तरीय प्रणाली पर पिछले 15 वर्षों से भी अधिक समय पर बहस चल रही है, आईसीसी ने साल 2009 में ही इस पर विचार करने की इच्छा व्यक्त की थी पर तब पूर्ण सदस्य देश विभिन्न कारणों से इस मामले पर सहमत नहीं रहे हैं। वेस्टइंडीज बोर्ड की आपात बैठक में क्लाइव लॉयड, ब्रायन लारा और विव रिचर्ड्स जैसे पूर्व क्रिकेटर भी शामिल थे और लॉयड ने आईसीसी द्वारा सदस्य देशों को दिए जाने वाले वित्तीय हिस्से की ओर इशारा करते हुए कहा कि 70 और 80 की दशक में शीर्ष टीम और 90 के दशक में एक सफल टीम रही वेस्टइंडीज अपने प्रदर्शन में आई गिरावट के बाद भी आर्थिक सहायता की अधिकारी है। लॉयड ने कहा, ‘हमें यह देखने होगा कि आईसीसी में पैसे के बंटवारे को लेकर क्या हो रहा है। भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को 18 करोड़ मिलेंगे जबकि वेस्टइंडीज को अफगानिस्तान और बांग्लादेश की तरह 8 करोड़ मिलेंगे। हम अगले 100 वर्ष तक उस ग्रुप में बने रहने से सिर्फ दो साल दूर हैं। मेरे विचार में यह सही नहीं है और हमें आवाज उठानी होगी क्योंकि जब हम अच्छा खेल रहे थे तो हर कोई हमारे साथ खेलना चाहता था। लॉयड ने आगे कहा, ‘हम नियमित तौर पर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से खेला करते थे और जब हम भारत या पाकिस्तान जाते थे तो मैदान पर लाखों की भीड़ एकत्रित होती थी। जिसका लाभ हमें अब मिलना चाहिये। गिरजा/ईएमएस 13 अगस्त 2025