- सीएम ने दिखाई हरी झंडी, कहा- कोई गलत काम करे,तो मेरी तरफ से पुलिस को पूरी छूट - 100 अब हो गई डायल-112 - पुलिस, स्वास्थ्य, एम्बुलेंस, अग्रिशम, महिला हेल्पलाइ, सायबर क्राइम में मदद के लिये अब एक ही नंबर भोपाल(ईएमएस)। प्रदेश में डायल-100 का नाम बदलकर डायल-112 कर दिया गया है। गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित समरोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डायल-112 के फ्लैग ऑफ समारोह में उन्होंने डायल-112 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान सीएम ने कहा की डायल-112 देश के कदम के साथ कदम मिलाने का काम करेगा। मिनिमन गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस के लिए यह जरूरी भी है। स्मार्ट सिटी और अन्य स्थानों पर लगे कैमरों से भी पुलिस जुड़े। पुलिस के नवाचार हों। राजधानी में वीआईपी मूवमेंट के समय होने वाली चेकिंग के दौरान मेरे द्वारा डोम द्वार बनाकर जांच की सुविधा देने के लिए कहा गया है। वहीं उन्होनें साफ किया की अगर कोई गलत काम करता है और कानूनी रूप से कार्यवाही की स्थिति है, तो मेरी ओर से पुलिस को पूरी छूट है, कि वह खुलकर कार्रवाई करे। डायल-100 का बजट बढ़ाने की बात आई तो 50 प्रतिशत बजट बढ़ा दिया और 1084 करोड़ के बजट को मैंने 1500 करोड़ तक कर दिया। यादव ने कहा है कि डायल 112 पुलिस की तत्परता बढ़ाने की नई पहल है। यह आपातकालीन नंबर सुरक्षित समाज के ईको सिस्टम का आधार बनेगा। यह नंबर प्रदेशवासियों के लिए पुलिस की ओर से त्वरित प्रतिक्रिया का वादा और सहायता की जिम्मेदारी सिद्ध होगा। कार्यक्रम के दौरान डीजीपी कैलाश मकवाना ने कहा कि आज का दिन गौरवशाली है। सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग द्वारा डायल 100 ने त्वरित सहायता देने का काम किया है। शुरुआत में एक हजार वाहन लगाए गए थे। कोविड लॉक डाउन में लाखों व्यक्तियों की सहायता डायल 100 ने दी। यह सेवा पांच साल के लिए शुरू की गई थी, लेकिन अलग-अलग कारणों से पांच साल का अतिरिक्त समय लग गया। इस योजना में 1200 वाहनों की डीपीआर जनवरी 2025 में मंजूर हुई थी। मकवाना ने कहा कि डायल 112 के रूप में शुरू हो रही नई योजना 972 करोड़ की पंचवर्षीय योजना है। इसमें नागरिकों के नम्बर की गोपनीयता बनी रहेगी। एजेंसी और पुलिस स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। आईपीएस आदर्श कटियार, संजीव शमी, साईं मनोहर, योगेश चौधरी की इस काम को अंजाम देने में प्रमुख भूमिका रही। * इन नई तकनीको से लैस हैं नई डायल-112 डायल-112 का नया कॉन्टैक्ट सेंटर शिफ्ट में 100 एजेंट की क्षमता वाला होगा, जिसमें 40 सीटों का डिस्पैच यूनिट है। इसमें पीआरआई लाइनों से एसआईपी आधारित ट्रंक लाइन पर माइग्रेशन होगा, जिससे 112 पर कॉल एक्सेस अधिक सहज हो। उन्नत बिजनेस इंटेलिजेंस (बीआई) और एमआईएस रिपोर्टिंग टूल्स। नागरिकों और एफआरवी के बीच संपर्क को बेहतर बनाते हुए गोपनीयता बनाए रखने के लिए नंबर मास्किंग समाधान। एफआवी के रख-रखाव को ट्रैक करने हेतु समग्र फ्लीट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर। चैटबॉट जैसे नॉन-वॉयस माध्यमों द्वारा नागरिकों से संवाद और शिकायतों की ट्रैकिंग। नागरिकों और पुलिस अधिकारियों के लिए विशेष मोबाइल ऐप्स। पारदर्शिता के लिए एफआरवी में डेशबोर्ड, कैमरा और बॉडी वॉर्न कैमरा की व्यवस्था। * डायल 112: एक ही नंबर पर ये मिलेगी यह सेवाएं डायल-112 सेवा शुरू होने के बाद अब पुलिस (100), स्वास्थ्य, एम्बुलेंस (108), अग्रिशमन (101), महिला हेल्पलाइन (1090), सायबर क्राइम (1930), रेल मदद (139), हाइवे एक्सीडेंट रिस्पासं (1099), प्राकृतिक आपदा (1079) और महिला एवं चाइन्ड हेल्पलाइन (181, 1098) जैसी सभी सेवाएं एक ही नंबर 112 की उपलब्ध होगी। जुनेद / 14 अगस्त