नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और अब यह खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच चुका है। गुरुवार सुबह पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 204.43 मीटर दर्ज किया गया, जो कि चेतावनी स्तर 204.50 मीटर से बस कुछ ही कदम दूर है। प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने और बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, यमुना का जलस्तर बढ़ने की मुख्य वजह हरियाणा और उत्तराखंड के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में हुई भारी बारिश है। इस बारिश के कारण वजीराबाद और हथनीकुंड बैराज से हर घंटे भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, वजीराबाद से हर घंटे लगभग 31,250 क्यूसेक और हथनीकुंड बैराज से 25,126 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे का समय लगता है, जिसके चलते नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली में यमुना के लिए चेतावनी स्तर 204.5 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.3 मीटर पर है। अगर जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है, तो आसपास के इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना शुरू हो जाता है। पुराना रेलवे ब्रिज यमुना के प्रवाह और बाढ़ के जोखिम को मापने का एक महत्वपूर्ण बिंदु है। गुरुवार सुबह 9 बजे दर्ज किए गए 204.43 मीटर के जलस्तर ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए दिल्ली प्रशासन ने कमर कस ली है। सभी संबंधित एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है और बाढ़ की आशंका को देखते हुए पहले से ही बचाव के उपाय शुरू कर दिए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऊपरी क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है। हालांकि, अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन अगले कुछ घंटे महत्वपूर्ण हैं। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/14/अगस्त/2025