ट्रेंडिंग
17-Aug-2025
...


कठुआ(ईएमएस)। जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से मची तबाही का दर्द कम भी नहीं हुआ था कि कठुआ में बादल फट गए और तबाही के सैलाब में 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 6 लोग घायल हुए हैं। हर ओर चीख-पुकार मच गई। लोगों के घर मलबों में तब्दील हो गए। कठुआ तीन लोकेशन पर बादल फटने से भारी तबाही की आशंका जताई जा रही है। बादल फटने की घटना में चार से 4 लोगों की मौत की खबर है। फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इससे पहले 14 अगस्त को किश्तवाड़ के चशोती में बादल फटा था। अब तीन दिन बाद यानी 17 अगस्त को कठुआ में बादल फटा। कठुआ जिले के घाटी और जंगलोत गांव में क्लाउडबर्स्ट का कहर देखने को मिला है। कठुआ का रेलवे ट्रैक, राष्ट्रीय राजमार्ग और कठुआ पुलिस स्टेशन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बादल फटने के कारण आए मलबे ने जम्मू-पठानकोट नेशनल हाईवे के एक हिस्से को भी अपनी चपेट में ले लिया है जिससे हाईवे की एक लेन को फिलहाल बंद कर दिया गया है। अभी तक इस घटना में किसी तरह की जनहानि की खबर नहीं है लेकिन नुकसान का पूरा आकलन करना अभी बाकी है। राहत और बचाव दल मौके पर पहुंच गए हैं और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। घटना पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। सीएम दफ्तर की तरह से कहा गया कि मुख्यमंत्री ने कठुआ जिले के जोध खड्ड और जुथाना सहित कई इलाकों में हुए भूस्खलन से हुई दुखद जनहानि और क्षति पर दुख व्यक्त किया है। भूस्खलन में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और सभी आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया। कठुआ में करीब तीन लोकेशन पर बादल फटा है। बादल फटने से कई जगह लैंडस्लाइड हुआ है। माना जा रहा है कि मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। कठुआ में तबाही के संकेत मिल रहे हैं। हर ओर पानी भर गया है। कई घर मलबों में तब्दील हो गए हैं।कठुआ में घाटी और जंगलोत सहित निचले इलाकों में पानी भर गया है। लोगों के घरों में पानी घुस गया है। रेलवे ट्रैक और राष्ट्रीय राजमार्ग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इससे आवाजाही और संपर्क व्यवस्था बाधित हो गई है। कठुआ पुलिस स्टेशन भी पानी में डूब गया है, जिससे प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।यही नहीं, कठुआ के सहार खड्ड और उज्ह नदी उफान पर हैं और खतरनाक स्तर पर बह रही हैं। इससे आगे और बाढ़ व नुकसान की आशंका बढ़ गई है। वीरेंद्र/ईएमएस/17अगस्त2025