नई दिल्ली,(ईएमएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को मध्य प्रदेश के रायसेन ज़िले के छीरखेड़ा गाँव में सोयाबीन के खेतों का औचक निरीक्षण किया। केंद्रीय मंत्री को शिकायत मिली थी कि खरपतवार नाशक दवा डालने से किसानों की सोयाबीन की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। कृषि मंत्री चौहान, अचानक खेतों में पहुँचे और सैकड़ों किसानों और कृषि विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में स्थिति का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने पाया कि खेतों में सोयाबीन की जगह खरपतवार खड़े हैं और पूरी फसल जल चुकी है। किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह नुकसान एचपीएम कंपनी की दवा डालने से हुआ है। उन्होंने कहा कि यह समस्या सिर्फ एक खेत तक सीमित नहीं है, बल्कि कई किसानों ने ऐसी शिकायतें की हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि इस मामले में की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय वैज्ञानिकों का दल प्रभावित खेतों का निरीक्षण करेगा और जांच कर दोषी कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिवराज सिंह के निर्देश पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा तत्काल जांच समिति गठित कर दी गई है। इस समिति में आईसीएआर के खरपतवार अनुसंधान निदेशालय , जबलपुर के निदेशक डॉ. जे.एस. मिश्रा को चेयरमैन बनाया गया है। साथ ही, अटारी जोन 9 के निदेशक डॉ. एस.आर.के. सिंह, रायसेन- विदिशा जिले के कृषि उप संचालक एवं कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख को सदस्य बनाया गया है। यह समिति कल 18 अगस्त को मौके पर जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसान की फसल चली गई तो उसकी जिंदगी ही चली गई। किसानों को राहत जरूर मिलेगी और इसकी जिम्मेदारी कंपनी की होगी। शिवराज सिंह चौहान ने यह भी साफ किया कि केवीके रायसेन के वैज्ञानिक द्वारा दिया गया प्रतिवेदन सही नहीं है, इसलिए इस मामले की जांच यह नई टीम करेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसानों को पूरा न्याय मिलेगा और नकली कीटनाशक, खाद-बीज बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ पूरे देश में व्यापक अभियान चलाया जाएगा जो नकली और खतरनाक दवाइयाँ बेचकर किसानों के साथ धोखा करती हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/18अगस्त2025