मसाला व अनाज व्यवसाय से रच रही सफलता की नई कहानी नर्मदापुरम (ईएमएस)। नर्मदापुरम निवासी आरती खंडेलवाल ने लंबे समय से लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के अपने प्रयासों को एक नए स्वरूप में ढालते हुए अनाज एवं मसालों का व्यवसाय शुरू किया है। स्वच्छ, शुद्ध और पोषक आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई इस पहल को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) से नई दिशा मिली है। व्यवसाय स्थापित करने के लिए संसाधनों की कमी होने के बावजूद आरती खंडेलवाल ने हार नहीं मानी। पीएमएफएमई योजना ने उन्हें आगे बढ़ने का अवसर दिया और इसी के अंतर्गत उन्होंने अपनी इकाई की स्थापना की।इस योजना के अंतर्गत स्थापित इकाई की कुल लागत 9.90 लाख रुपए रही, जिसमें से उन्हें 3.85 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ। साथ ही, एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF) से 3% ब्याज सब्सिडी का लाभ भी प्राप्त हो रहा है। आरती खंडेलवाल द्वारा स्थापित उद्योग इकाई से निर्मित प्रमुख उत्पादों में कुटी मिर्च, कुटी हल्दी, कुटी धनिया, स्पेशल कुटा गरम मसाला, हाथ चक्की आटा, बेसन, हाथ चक्की सत्तू एवं मधुमेह में लाभकारी पुष्टिवर्धक आटा शामिल हैं।उद्योग से प्रतिदिन 25 किलो मसाला उत्पादन होता है। जो 6,500 रुपए में बिकता है। इसी के साथ प्रतिदिन आटा उत्पादन 50 किलो है जिसकी बिक्री 2,250 रुपए एवं वार्षिक कुल बिक्री 25.26 लाख रुपए से वार्षिक शुद्ध आय 5.25 लाख रुपए है। योजना से मिले सहयोग से उन्होंने आधुनिक मशीनों के साथ गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का उत्पादन शुरू किया, जिन्हें आकर्षक पैकेजिंग में बाजार में उपलब्ध कराया जा रहा है। Vocal for Local की भावना से प्रेरित होकर स्थापित इस इकाई में उन्होंने स्व-सहायता समूह की 12-15 महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया है। यह महिलाएं नियमित रूप से कार्य कर रही हैं और निरंतर कौशल विकास की ओर अग्रसर हैं।आरती खंडेलवाल ने न केवल स्थानीय बाज़ार में, बल्कि जिले से बाहर भी अपने उत्पादों की पहचान बनाई है। उनका व्यवसाय FSSAI पंजीकृत है, जो उनके उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा को प्रमाणित करता है। यह सफलता न केवल एक महिला उद्यमी के संकल्प की कहानी है, बल्कि यह दिखाती है कि यदि सही दिशा और सहयोग मिले तो आत्मनिर्भर बनने का सपना साकार हो सकता है। ईएमएस / 24 अगस्त 2025