आयोग ने कहा, दस्तावेज स्वीकार होगा, लेकिन विचार अंतिम सूची के बाद नई दिल्ली,(ईएमएस)। बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) से जुड़ी प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने दस्तावेज़ जमा करने की अंतिम तिथि को आगे बढ़ा दिया है, जो पहले 1 सितंबर थी। अब 1 सितंबर के बाद भी दस्तावेज़ स्वीकार किए जाएंगे। सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में चुनाव आयोग से कहा है कि वह दावे, आपत्तियां और सुधार के लिए जमा किए जाने वाले दस्तावेज़ों को स्वीकार करना जारी रखे। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह मतदाताओं और राजनीतिक दलों की मदद के लिए अर्ध-विधिक स्वयंसेवकों को तैनात करे। ये स्वयंसेवक लोगों को दस्तावेज़ दाखिल करने में सहायता कराए। वहीं चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिहार में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के लगभग 99.5 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने पात्रता दस्तावेज जमा कर दिए हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि भले ही 1 सितंबर के बाद दस्तावेज स्वीकार किए जाएंगे, लेकिन इन पर विचार मतदाता सूची को अंतिम रूप देने के बाद ही किया जाएगा। इस सुनवाई के दौरान, यह भी सामने आया कि ज़्यादातर राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची से नाम जोड़ने की जगह, नाम हटाने के लिए अधिक आवेदन दिए हैं। उदाहरण के लिए, भाकपा (माले) ने 103 आवेदन नाम हटाने के लिए और केवल 15 नाम जोड़ने के लिए दिए हैं, जबकि राजद ने सिर्फ 10 आवेदन नाम जोड़ने के लिए दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले चुनाव आयोग से उन 65 लाख मतदाताओं की लिस्ट जारी करने को कहा था जिन्हें ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल नहीं किया गया था, साथ ही उनके नाम शामिल न करने के कारणों का भी ज़िक्र करने के लिए कहा था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि एसआईआर की प्रक्रिया में दस्तावेज़ों के तौर पर आधार कार्ड को भी शामिल किया जाना चाहिए। आशीष दुबे / 01 सिंतबर 2025