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04-Sep-2025
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-कहा- यह गंभीर मामला, केंद्र व राज्य सरकारों को भेजा नोटिस नई दिल्ली,(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश में बाढ़ के दौरान बहते हुए लकड़ी के लठ्ठों के वीडियो पर संज्ञान लेते हुए कहा कि पहाड़ी इलाकों में बड़े पैमाने पर पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है। सीजेआई बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि यह गंभीर मामला है। कोर्ट ने कहा कि हमने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में अभूतपूर्व भूस्खलन और बाढ़ देखी है। मीडिया रिपोर्ट्स में भी सामने आया है कि बाढ़ के पानी में बड़ी संख्या में लकड़ी के लठ्ठ बह रहे थे। प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट है कि पहाड़ों में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई हो रही है। पीठ ने केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है। सीजेआई गवई ने मौखिक रूप से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि यह गंभीर मुद्दा है। मीडिया में हमने देखा कि हिमाचल, उत्तराखंड में बड़ी संख्या में लकड़ी के लठ्ठ बहते नजर आ रहे हैं। अवैध पेड़ों की कटाई चल रही है। इस पर मेहता ने आश्वासन दिया कि वह आज ही पर्यावरण मंत्रालय के सचिव से बात करेंगे और संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों से भी संपर्क करेंगे। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि चंडीगढ़ से मनाली के बीच 14 सुरंगें हैं, जो बारिश में भूस्खलन होने पर “मौत के जाल” बन जाती हैं। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें बताया गया था कि 300 लोग एक सुरंग में फंस गए थे। सिराज/ईएमएस 04सितंबर25