वाराणसी (ईएमएस)। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) वाराणसी में 200 शैय्या वाला नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग(राष्ट्रीय वृद्धावस्था केंद्र)- NCA स्थापित किया जा रहा है, जो न केवल सरकार की दूरदर्शिता का प्रमाण है बल्कि भारत के वरिष्ठ नागरिकों के प्रति श्रद्धांजलि भी है। नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग केवल एक अस्पताल ब्लॉक नहीं होगा, बल्कि वृद्ध देखभाल के लिए समर्पित संस्थान होगा। जहाँ सामान्य अस्पतालों में बुजुर्गों की विशेष आवश्यकताओं की अक्सर अनदेखी होती है, वहीं यह केंद्र विशेष रूप से फ्रेलिटी, सार्कोपीनिया, डिमेंशिया, ऑस्टियोपोरोसिस, आर्थराइटिस, हृदय रोग और मल्टीमॉर्बिडिटी जैसी स्थितियों पर केंद्रित होगा। ओपीडी, विशेष वार्ड, पुनर्वास इकाइयाँ, मेमोरी क्लिनिक और फॉल-प्रिवेंशन प्रोग्राम के साथ, यह केंद्र एक ही छत के नीचे समग्र और सम्मानजनक देखभाल प्रदान करेगा। चिकित्सकों, नर्सों, मनोवैज्ञानिकों, व्यावसायिक एवं फिजियोथेरेपिस्टों की बहु-विषयक टीम न केवल चिकित्सा देखभाल देगी बल्कि भावनात्मक, सामाजिक और पुनर्वास सहायता को भी सुनिश्चित करेगी। इस केंद्र की दूसरी बड़ी विशेषता होगी प्रशिक्षण एवं मानव संसाधन विकास। भारत में जेरियाट्रिक मेडिसिन में प्रशिक्षित चिकित्सकों, नर्सों और देखभालकर्ताओं की भारी कमी है। NPHCE के तहत MD Geriatrics की 15 सीटें प्रतिवर्ष बढ़ाई जा रही हैं, साथ ही फेलोशिप एवं हैंड्स-ऑन कार्यक्रम भी प्रारंभ होंगे। यह केंद्र कुशल कार्यबल तैयार करेगा जो जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं तक वृद्ध-हितैषी देखभाल पहुँचाएगा। केंद्र की दृष्टि केवल उसकी चारदीवारी तक सीमित नहीं है। निवारक स्वास्थ्य सेवाएँ, स्क्रीनिंग, टेली-कंसल्टेशन, पोषण एवं फिटनेस जागरूकता, और ग्रामीण पहुँच कार्यक्रम के माध्यम से यह समाज स्तर पर भी वृद्धावस्था की चुनौतियों से निपटेगा। इससे विकलांगता रोकी जा सकेगी, निर्भरता टाली जा सकेगी और परिवारों पर देखभाल का बोझ घटेगा। प्रो. अनुप सिंह, नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग (NCA ) के नोडल अधिकारी ने NPHCE, MoHFW और BHU नेतृत्व का आभार व्यक्त किया तथा माननीय कुलपति, प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी को पार्किंग के लिए जगह उपलब्ध कराने और कुछ फैकल्टी पदों को स्वीकृति देने के लिए विशेष धन्यवाद दिया। लगभग 65% निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और यह केंद्र दिसंबर 2025 तक तैयार होने की दिशा में अग्रसर है। प्रो. सिंह के अनुसार, जरा चिकित्सा (जीरियाट्रिक) भारत सरकार की प्राथमिकता का क्षेत्र है और सरकार बुजुर्गों को स्वस्थ और आत्मनिर्भर बनाने हेतु निरंतर नीतियाँ बना रही है। नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग केवल एक चिकित्सा सुविधा से बढ़कर, बुजुर्गों के लिए गरिमा, स्वतंत्रता और समग्र कल्याण का प्रतीक बनेगा। डॉ नरसिंह राम, 06 सितम्बर, 2025