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09-Sep-2025
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वाशिंगटन,(ईएमएस)। दुनिया में टैरिफ वॉर छेड़ने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बुरे दिन शुरु हो गए हैं। उन्हे एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। कभी उनके खिलाफ अमेरिका में प्रदर्शन होते हैं तो कभी उन्हे के अपने लोग उनके सामने चुनौतियां खड़ी करते नजर आते हैं। ऐसे में ट्रंप को एक नया झटका लगा है। वो ये है कि अदालत ने ट्रंप की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने पत्रकार और लेखिका ई. जीन कैरोल को दिए गए 83.3 मिलियन डॉलर (करीब 693 करोड़ रुपये) के हर्जाने को रद्द करने की मांग की थी। तीन न्यायाधीशों की पीठ ने अपने आदेश में कहा, जूरी द्वारा दिए गए हर्जाने का फैसला इस मामले की असाधारण और गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए उचित है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि ट्रंप इस मामले में राष्ट्रपति पद की इम्युनिटी (छूट) का दावा नहीं कर सकते। मई 2023 में एक अन्य जूरी ने ट्रंप को 5 मिलियन डॉलर (लगभग 42 करोड़ रुपये) हर्जाना देने का आदेश दिया था। जून 2024 में दूसरे सर्किट कोर्ट ने उस फैसले को भी बरकरार रखा। जनवरी 2024 में आए 83.3 मिलियन डॉलर के फैसले में से 18.3 मिलियन डॉलर कैरोल की भावनात्मक और प्रतिष्ठा की क्षति के लिए तथा 65 मिलियन डॉलर दंडात्मक हर्जाने के रूप में शामिल थे। 81 वर्षीय ई. जीन कैरोल इली मैगजीन की पूर्व कॉलमिस्ट रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि 1990 के दशक में ट्रंप ने न्यूयॉर्क के एक डिपार्टमेंट स्टोर के ड्रेसिंग रूम में उनका रेप किया था। ट्रंप ने इन आरोपों को 2019 में नकार दिया था और एक रिपोर्टर से कहा था कि कैरोल मेरे टाइप की नहीं हैं और उन्होंने अपनी किताब बेचने के लिए यह कहानी गढ़ी है। ट्रंप ने तर्क दिया कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के 2024 के फैसले के अनुसार उन्हें व्यापक क्रिमिनल इम्युनिटी मिली है, जो सिविल मुकदमों पर भी लागू होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि 2019 में उनके बयान राष्ट्रपति के आधिकारिक कर्तव्यों का हिस्सा थे और यदि इस पर इम्युनिटी नहीं दी गई तो कार्यपालिका शाखा कमजोर हो जाएगी। लेकिन कोर्ट ने इन सभी दलीलों को खारिज कर दिया। वीरेंद्र/ईएमएस/09सितंबर2025