राज्य
16-Sep-2025
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ग्वालियर ( ईएमएस ) इस बार शारदीय नवरात्र का आरंभ 22 सितंबर सोमवार से होने जा रहा है जिसका समापन 2 अक्टूबर को होगा। घट स्थापना पूर्वान्ह में दोपहर से पहले कर सकते हैं। इस बार माता रानी हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हाथी को माता की शुभसवारियों में से एक माना जाता है। इन दिनों में माता के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। नवरात्र महापर्व को लेकर माता के मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। नवरात्र में मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी, मां सिद्धिदात्री की पूजा होगी। शारदीय नवरात्र के दौरान जगत जननी आदि शक्ति मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस बार शारदीय नवरात्रि 10 दिन की होगी। जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तजन की हर मनोकामना पूरी होती है। -कलश स्थापना मुहूर्त पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर सोमवार से होगी। इसी दिन कलश स्थापना भी किया जाएगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त प्रातः 06 बजकर 09 मिनट से शुरू होकर 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। वहीं, इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक है। मां दुर्गा की पूजा प्रारंभ करने के लिए यह मुहर्त विशेष रूप से उत्तम माना गया है।