वॉशिंगटन(ईएमएस)। फेडरल रिजर्व गवर्नर लीसा कुक को पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐडीचोटी का जोर लगा दिया लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। अब एक अदालत ने ट्रंप को झटका देते हुए कुक को पद से हटाने पर रोक लगा दी। इससे तमतमाए ट्रंप इस फैसले से बिल्कुल खुश नहीं हैं। क्योंकि इसका सीधा मतलब है कि लिसा कुक फेड की नीति बैठक में हिस्सा ले सकेंगी, जहां अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद की जा रही है। वैसे अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने केंद्रीय गवर्नर को हटाने की कोशिश में जमीन आसमान एक कर दिया हो। बता दें कि ये मामला और ज्यादा गंभीर इसलिए हो गया क्योंकि लिसा कुक फेड की पहली अश्वेत महिला गवर्नर हैं। वे मई, 2022 में इस पर नियुक्त हुई थीं और एक काबिल अर्थशास्त्री हैं। लीसा ट्रूमैन स्कॉलर रह चुकी हैं और मार्शल स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी से 1988 में दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र में ग्रैजुएट हैं। 1997 में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री भी ली थी। ट्रंप ने अगस्त में लिसा कुक पर मॉर्गेज फ्रॉड का आरोप लगाते हुए को हटाने की कोशिश की थी। ट्रंप के करीबी विलियम पुल्टे ने लिसा पर आरोप लगाया था कि उनके मॉर्गेज आवेदनों में संपत्तियों का गलत विवरण दिया गया था, जिससे उन्हें कम इंटरेस्ट और ज्यादा क्रेडिट मिल सकते थे। कुक ने इस आरोप को नकारा है और कहा है कि ये पूरी तरह राजनीतिक हमला है क्योंकि वह नीतिगत मसलों पर ट्रंप से सहमत नहीं थीं। वहीं ट्रंप प्रशासन ने तर्क दिया था कि लिसा कुक के हटने से फेडरल रिजर्व की अखंडता और मजबूत होगी। वहीं कुक के वकीलों का जवाब था कि फेड की बैठक से पहले कुक को हटाने से ग्लोबल मार्केट प्रभावित हो सकता है। इस पर ट्रंप प्रशासन के वकीलों ने सीधा कहा कि राष्ट्रपति के पास फेड गवर्नर को हटाने का व्यापक अधिकार है और अदालतों के पास इन फैसलों की समीक्षा करने की शक्ति नहीं है। अपीलीय अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सारे आरोप लिसा कुक के फेड पद पर काबिज होने से पहले के हैं, ऐसे में वे कानूनी कारणों की कैटेगरी में नहीं आते। एमरजेंसी में कुक को हटाने के फैसले से उन्हें जवाब देने का मौका भी नहीं मिला, जो न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। ऐसा कहकर अदालत ने उनकी बर्खास्तगी रोक दी। वीरेंद्र/ईएमएस/16सितंबर2025