काबुल,(ईएमएस)। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन करते हुए 400 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाली मिसाइल का सफल परीक्षण गत रात्रि कर सभी को चौंका दिया है। अफगानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के रक्षा बलों ने गुरुवार रात यह मिसाइल परीक्षण किया था, जो अब तक का उनका सबसे उन्नत हथियार माना जा रहा है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है और हाल के दिनों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच भीषण झड़पें हुई हैं। अफगानिस्तान में इस मिसाइल परीक्षण की खबर से इस्लामाबाद की चिंता बढ़ गई है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह परीक्षण स्पष्ट संदेश है कि तालिबान अब न केवल पारंपरिक हथियारों के सहारे बल्कि आधुनिक मिसाइल क्षमता के जरिये भी अपनी ताकत दिखाना चाह रहा है। मिसाइल की 400 किलोमीटर की रेंज पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों और शहरों को अपनी जद में लेते प्रतीत हो रही है, जिससे पड़ोसी देश की सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल बीते हफ्ते पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमावर्ती इलाकों में तीन दिन तक भीषण संघर्ष चला था। इसकी शुरुआत पाकिस्तान एयरफोर्स द्वारा टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों से हुई थी। इसके जवाब में अफगान तालिबान बलों ने पाकिस्तान की सीमा चौकियों पर हमला किया। इन झड़पों में पाकिस्तान के 58 सैनिकों की मौत और दर्जनों के घायल होने की खबर है। दोनों ओर से जारी गोलाबारी में आम नागरिकों को भी नुकसान झेलना पड़ा है। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज इस संघर्ष के बाद पाकिस्तान सरकार ने तालिबान पर खुलकर निशाना साधा है और भारत पर भी अप्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दावा किया है कि तालिबान शासन ने “भारत के इशारे पर” पाकिस्तान पर हमला किया। उन्होंने अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के हालिया भारत दौरे को इस टकराव से जोड़ते हुए भारत को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है। जिसका भारत ने कड़े शब्दों में खंडन किया। हालांकि, शरीफ ने कहा है कि पाकिस्तान शांति चाहता है और अफगानिस्तान के साथ संवाद के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में दोनों देशों के बीच 48 घंटे का अस्थायी युद्धविराम लागू है। शरीफ के मुताबिक, स्थायी शांति के लिए अब गेंद तालिबान के पाले में है। अगर वे बातचीत की मेज पर आते हैं, तो पाकिस्तान वार्ता के लिए तैयार है। विश्लेषकों का मानना है कि मिसाइल परीक्षण और सीमा संघर्ष के बीच बढ़ता तनाव आने वाले दिनों में दक्षिण एशिया की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरा असर डाल सकता है। हिदायत/ईएमएस 18 अक्टूबर 2025