इस्लामाबाद,(ईएमएस)। पाकिस्तान सरकार और सेना, अपने लोगों का ही खून बहाने के लिए कुख्यात रही है। पाकिस्तान की सेना पिछले कई महीनों से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में आम लोगों को अगवा कर रही है और उन्हें मौत के घाट उतार रही है। रिपोर्ट के मुताबिक बलूचिस्तान में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। इस साल के पहले छह महीनों में पाकिस्तानी सेना की करफ से बलूच युवाओं के अपहरण के मामलों में जबरदस्त उछाल आया। सरकारी और गैर-सरकारी आंकड़ों में दर्ज ये भयावह तस्वीर बताती है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान कैसे आम लोगों का कत्लेआम कर रहा है। बलूचिस्तान होम डिपार्टमेंट की जनवरी से जून 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक प्रांत में आतंकी घटनाओं में 45 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। स्थानीय नागरिकों की टार्गेट किलिंग के मामलों में यह बढ़ोतरी 100फीसदी तक पहुंच गई। कुल 501 आतंकी घटनाओं में 257 लोगों की मौत हुई है और 492 लोग घायल हुए। बलूचिस्तान में मरने वालों में 133 पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मी शामिल हैं, जबकि 238 घायल हुए हैं। जो इस बात का सबूत है कि बलूच विद्रोही संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाई बुरी तरह से नाकाम हो रही है। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) जैसे संगठन हाल के महीनों में कई बड़े हमलों की जिम्मेदारी ले चुके हैं, जिनका लक्ष्य सेना और अर्धसैनिक बलों के ठिकाने रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि बलूच विद्रोहियों से मुकाबला करने में नाकाम रहने वाली सेना आम लोगों को निशाना बनाती है। पिछले 6 महीने में पाकिस्तान की सेना ने 752 बलूच युवाओं को अगवा कर लिया है। इनका कोई पता नहीं है कि वे कहां हैं? मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बलूचिस्तान में मानवाधिकार संकट की सबसे भयावह परत उन लापता लोगों की है, जिनका कोई सुराग नहीं मिलता। पाकिस्तान के आधिकारिक सीओआईईडी के मुताबिक पूरे देश में इस साल की पहली छमाही में 125 नए गायब लोगों के मामले दर्ज हुए, जिनमें से सिर्फ 36 बलूचिस्तान से थे, लेकिन बलूच यकजिहती कमेटी ने सरकारी आंकड़ों को भयावह झूठ कहा है। कमेटी का दावा है कि 752 लोगों को बलूचिस्तान में जबरन गायब किया गया, जिनमें से 546 अब भी लापता हैं और 25 लोगों की लाशें मिली हैं। उन्होंने दावा कि पाकिस्तानी की सेना आम युवाओं को या शांति पूर्ण प्रदर्शन करने वाले लोगों को जबरदस्ती अगवा कर रही है। जिन लोगों को अगवा किया जाता है, उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती। इससे बलूचिस्तान के हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। सिराज/ईएमएस 21 अक्टूबर 2025