राष्ट्रीय
21-Oct-2025
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90 मिनट का नाटक मंचन होगा, 200 कलाकार और क्रू मेंबर लेंगे भाग नई दिल्ली,(ईएमएस)। देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 31 अक्टूबर को 150वीं जयंती है। केंद्र सरकार ने इस मौके पर मेगा इवेंट का आयोजन करने का फैसला किया है। इस कड़ी में उनके जीवन पर आधारित 90 मिनट का एक नाटक मंचन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के कलाकारों द्वारा पहले 30 और 31 अक्टूबर को गुजरात में किया जाएगा। इसके बाद इस नाटक का मंचन नई दिल्ली और अहमदाबाद समेत देश भर के अन्य शहरों में किया जाएगा। केवड़िया में होने वाले भव्य समारोह का उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे। इस कार्यक्रम में उनके अलावा गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल और केंद्र व गुजरात के कई मंत्री और नेता शामिल होंगे। गुजरात सरदार पटेल का गृह राज्य है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 90 मिनट का यह नाटक सरदार पटेल की सालभर चलने वाली 150वीं जयंती समारोह का हिस्सा है, जिसका समापन 31 अक्टूबर, 2026 को होगा। संस्कृति मंत्रालय ने हाल ही में सरदार पटेल की याद में होने वाले इस मेगा इवेंट की देखरेख के लिए पीएम मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति के गठन की अधिसूचना जारी की थी। इस समिति में केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों समेत 100 से ज्यादा सदस्य हैं। समिति में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और रामनाथ कोविंद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और पूर्व पीएम एच डी देवेगौड़ा भी प्रमुख सदस्य हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस नाटक में 200 कलाकार और क्रू मेंबर होंगे। नाटक में लाइटिंग इफेक्ट और अन्य नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। तीन अलग-अलग कलाकार सरदार पटेल की भूमिका निभाएंगे। इसकी शुरुआत 14 साल के पटेल से होगी, जिन्होंने स्कूल में किताबों की वास्तविक कीमत 2 पैसे के बजाय 5 पैसे में बेचे जाने पर विद्रोह किया था। सूत्रों के हवाले से कहा गया है नाटक में सरदार पटेल के जीवन से जुड़े कुछ गंभीर मुद्दों को भी उठाया गया है। उनमें राजनीति में परिवारवाद का विरोध भी शामिल है। दरअसल, सरदार पटेल ने अपने परिवार के सदस्यों, खासकर अपने बच्चों को राजनीति में शामिल न होने की सख्त हिदायत दी थी, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि वे उनके नाम का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करें। इस अवधारणा से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि आज के समय में भाई-भतीजावाद पर बहुत चर्चा हो रही है, पटेल का जीवन व्यक्तिगत योग्यता के महत्व को दर्शाता है। फिलहाल, इस मेगा इवेंट का अभ्यास चल रहा है। नाटक में सरदार पटेल की लंदन से कानून की पढ़ाई करने के बाद बैरिस्टर के रूप में अहमदाबाद वापसी और 1916 में बाल गंगाधर तिलक के एक भाषण ने पटेल की राजनीतिक चेतना में कैसे अहम मोड़ ला दिया, यह भी दिखाया जाएगा। नाटक में महात्मा गांधी के साथ उनके संबंधों पर भी प्रकाश डाला जाएगा, कैसे 1946 में, स्वतंत्रता से ठीक पहले, जब महात्मा गांधी ने जवाहरलाल नेहरू के पक्ष में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के लिए कहा, तो पटेल पीछे नहीं हटे। इसके बाद नेहरू देश के पहले पीएम बने, जबकि पटेल उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बने। नाटक का समापन उनके अंतिम दिनों और महीनों के साथ होगा। इसमें यह भी दिखाया जाएगा कि 1948 में गांधीजी की हत्या ने उन्हें कितना झकझोर दिया था। सिराज/ईएमएस 21अक्टूबर25